राफेल के साथ ही फाल्कन का भी निर्माण हब बनेगा भारत
नागपुर के पास मिहान में देश के पहले एविएशन मैन्यूफैक्चरिंग हब का शुक्रवार को शुभारंभ किया गया है।
नागपुर, जयप्रकाश रंजन। रक्षा क्षेत्र में मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत संभवत: अभी तक का सबसे बड़ा कदम उठाया गया है। नागपुर के पास मिहान में देश के पहले एविएशन मैन्यूफैक्चरिंग हब का शुक्रवार को शुभारंभ किया गया है। यह हब न सिर्फ फ्रांस से खरीदे जाने वाले फाइटर जेट राफेल के लिए आवश्यक कल-पुर्जे व अन्य उपकरण बनाएगा बल्कि यह दुनिया की दूसरी एविएशन कंपनियों को भारत में निवेश करने के लिए भी आकर्षित करेगा। शुक्रवार को यहां फ्रांस की रक्षा मंत्री सुश्री फ्लोरेंस पार्ले, स्थानीय सांसद व देश के सड़क व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडण्वीस, भारत में फ्रांस के राजदूत अलेक्जेंडर जेगलर की उपस्थिति में दासो एविएशन के चेयरमैन एरिक ट्रैपियर और रिलायंस एडीए समूह के चेयरमैन अनिल डी अंबानी ने धीरुभाई अंबानी एविएशन पार्क का शिलान्यास किया।
इस परियोजना के लिए संयुक्त उद्यम दासो रिलायंस एरोस्पेस लिमिटेड के नाम से बनाया गया है जिसमें रिलायंस के पास 51 फीसद इक्विटी है जबकि दासो के पास शेष 49 फीसद हिस्सेदारी होगी। पहले चरण में इस परियोजना के तहत 6500 करोड़ रुपये की राशि का निवेश होगा। भारत और फ्रांस के बीच सितंबर, 2016 में दासो की फाइटर प्लेन राफेल खरीदने का समझौता हुआ था। अभी भारत ने तकरीबन 60 हजार करोड़ रुपये की लागत से 36 राफेल खरीदने का फैसला किया है लेकिन इसकी संख्या बढ़ाने पर बात हो रही है। रिलायंस और राफेल का संयुक्त उद्यम इस युद्धक विमान के लिए तमाम कल-पुर्जे बनाएगा। कंपनी का दावा है कि सीधे तौर पर 700 लोगों को इससे रोजगार मिलेगा जबकि परोक्ष तौर पर 20 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। सबसे बड़ी बात यह है कि जिस तरह से मारुति सुजुकी ने देश में कार उद्योग की नींव रखी और कई आटोमोबाइल कल पुर्जे बनाने वाली घरेलू कंपनियों को स्थापित किया उसी तरह से यह खरीद समझौता देश में एविएशन क्षेत्र से जुड़ी कंपनियों की नई पौध तैयार करेगा।
रिलायंस एडीए समूह के चेयरमैन अनिल अंबानी ने कहा कि यहां राफेल के साथ ही दासो के फाल्कन विमान का भी निर्माण स्थल बनेगा। फाल्कन को अभी दुनिया के बेहतरीन कमर्शियल वायुयानों में माना जा रहा है। इन दोनों कंपनियों के लिए तमाम छोटे-बड़े उपकरण व कल-पुर्जे बनाने के लिए 500 छोटी व मझोली कंपनियां अपना निर्माण केंद्र खोलेंगी। उन्होंने कहा कि वे दूर नहीं जब आने वाले दिनों में यह दासो कंपनी के लिए राफेल के साथ ही फाल्कन को पूरी तरह से यहां तैयार किया जाएगा। यह फ्रांस के बाहर दासो कंपनी का इस तरह का इकलौता मैन्यूफैक्चरिंग हब होगा।
फ्रांस की सुरक्षा बल मंत्री (रक्षा मंत्री के समतुल्य) फ्लोरेंस पार्ले का कहना है भारत में दासो की तरफ से एशिया में स्थापित किया जाने वाला इस तरह का निर्माण केंद्र फ्रांस व भारत के मजबूत होते रिश्तों को और प्रगाढ़ करेगा। इस तरह के कई सहयोग आने वाले दिनों में होंगे। पार्ले के मुताबिक राफेल दुनिया का बेहतरीन युद्धक विमान है जो भारत की सुरक्षा की गारंटी देगा। सनद रहे कि वह शुक्त्रवार को सुबह ही नई दल्ली पहुंची थी जहां उनकी रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ मुलाकात हुई थी। सनद रहे कि कुछ ही दिनों बाद फ्रांस के राष्ट्रपति भी भारत के आधिकारिक दौरे पर पहुंच रहे हैं।
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