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चीन की गीदड़भभकी दरकिनार, आज से भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया की नौसेनाएं करेंगी ऐतिहासिक सैन्‍य अभ्यास

चीन की आपत्ति को दरकिनार करते हुए भारत और अमेरिका समेत दुनिया के चार प्रमुख लोकतांत्रिक देश मंगलवार से हिंद महासागर में ऐतिहासिक मालाबार नौसैनिक अभ्यास करेंगे। पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर चीन के साथ जारी तनाव के बीच हो रहे इस सैन्य अभ्यास के क्‍या है खास मायने...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Mon, 02 Nov 2020 07:44 PM (IST)Updated: Tue, 03 Nov 2020 07:01 AM (IST)
चीन की गीदड़भभकी दरकिनार, आज से भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया की नौसेनाएं करेंगी ऐतिहासिक सैन्‍य अभ्यास
भारत और अमेरिका समेत दुनिया के चार प्रमुख लोकतांत्रिक देश मंगलवार से हिंद महासागर में ऐतिहासिक मालाबार नौसैनिक अभ्यास करेंगे।

नई दिल्ली, आइएएनएस। भारत और अमेरिका समेत दुनिया के चार प्रमुख लोकतांत्रिक देश मंगलवार से हिंद महासागर में नौसैनिक अभ्यास करेंगे। भारतीय सीमा में चीन की घुसपैठ से पैदा तनाव के बीच हो रहे इस सैन्य अभ्यास के खास मायने हैं। चीन की आपत्ति को दरकिनार करते हुए इसमें ऑस्ट्रेलिया भी शामिल होगा। अमेरिका ने साफ कर ही दिया है कि वह हर परिस्थिति में भारत के साथ है।

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हिंद महासागर में होगा नौसैनिक अभ्यास

समाचार एजेंसी आइएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक, सभी नौसेनाएं अपने-अपने फ्लीट के साथ एक-दूसरे का सहयोग करेंगी। क्वाड के सदस्य देश भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया में दो बातें समान हैं। ये सभी लोकतांत्रिक देश हैं और ये सब चीन की विस्तारवादी नीति के विरोधी हैं। शायद इसीलिए इन देशों ने वार्षिक मालाबार नौसैनिक अभ्यास के लिए इस बार चीन के नजदीक का हिंद महासागर चुना है।

दो चरणों में होगा यह सैन्‍य अभ्‍यास 

भारतीय नौसेना के प्रवक्ता कमांडर विवेक माधवल ने बताया है कि नवंबर 2020 का यह 24वां मालाबार नौसैनिक अभ्यास दो चरणों का होगा। पहले चरण में भारतीय नौसेना, अमेरिकी नौसेना, जापान मैरीटाइम सेल्फ डिफेंस फोर्स और रॉयल ऑस्ट्रेलियन नौसेना विशाखापत्तनम के नजदीक बंगाल की खाड़ी में अभ्यास करेंगी। यह चरण तीन नवंबर से छह नवंबर तक चलेगा।

अरब सागर में भी होगी जोर-आजमाइश 

दूसरे चरण में नवंबर के मध्य में अरब सागर में नौसैन्य अभ्यास होगा। मालाबार वार्षिक नौसैनिक अभ्यास 1992 में भारत और अमेरिका की सहभागिता से शुरू हुआ था। 2015 में इसमें जापान शामिल हुआ। इस बार के अभ्यास में ऑस्ट्रेलिया भी शामिल हो रहा है।

ये युद्धपोत लेंगे हिस्‍सा 

इस नौसैनिक अभ्यास में अमेरिकी नौसेना का गाइडेड मिसाइल डेस्ट्रॉयर यूएसएस जॉन एस मैक्केन, ऑस्ट्रेलियन नेवी का हेलीकॉप्टर के साथ लॉन्ग रेंज फ्रिगेट बालाराट और जापानी नौसेना का हेलीकॉप्टर के साथ डेस्ट्रॉयर ओनामी भाग लेगा। पहले चरण में भारतीय बेड़े का नेतृत्व रियर एडमिरल संजय वात्स्यायन करेंगे। वह नौसेना की ईस्टर्न फ्लीट के फ्लैग ऑफीसर कमांडिंग हैं।

भारत के इन युद्धपोतों की दिखेगी ताकत 

भारतीय नौसेना अपने डेस्ट्रॉयर रणविजय, फ्रिगेट शिवालिक, ऑफशोर पेट्रोल वेसल सुकन्या, फ्लीट सपोर्ट शिप शक्ति और सबमरीन सिंधुराज के साथ संयुक्त अभ्यास में भाग लेगी। इनके साथ ही भारतीय नौसेना का एडवांस जेट ट्रेनर हॉक, लॉन्ग रेंज मेरीटाइम पेट्रोल एयरक्राफ्ट पी-8 आइ, डोर्नियर मेरीटाइम पेट्रोल एयरक्राफ्ट और कई हेलीकॉप्टर भी अभ्यास में हिस्सा लेंगे। इस दौरान कोविड-19 महामारी से बचाव के बड़े इंतजाम भी किए गए हैं। नौसेनाओं का उद्देश्य हिंद-प्रशांत महासागर क्षेत्र में कानून व्यवस्था और स्वतंत्र आवागमन बनाए रखना है।


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