भारत में पहली बार बायोफ्यूल से उड़ा विमान, स्पाइसजेट ने ऐसे रचा इतिहास
जेट्रोफा से तैयार ईंधन की कीमत प्रति लीटर करीब 120 रुपये बैठ रही है। जो कि सामान्य ईंधन से करीब 50 रुपये महंगा है।
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। भारत जैव ईधन यानी बायोफ्यूल से विमान उड़ाने वाले चुनिंदा देशों की कतार में शामिल हो गया है। स्पाइसजेट ने अपने 78 सीटर क्यू400 टर्बो प्रॉप विमान के जरिये देहरादून से दिल्ली के बीच सफल उड़ान भर कर भारतीयों को इस उपलब्धि का दीदार कराया। देहरादून में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने जॉली ग्रांट एयरपोर्ट से विमान को रवाना किया। जबकि दिल्ली में आइजीआइ एयरपोर्ट के टर्मिनल-2 पर पांच केंद्रीय मंत्रियों ने इसकी अगवानी की।
जैव ईधन में खाद्य व अखाद्य तेल जैसे जैव स्रोतों से तैयार पदार्थो का प्रयोग होता है। इस विमान में ईधन के तौर पर इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोलियम द्वारा जेट्रोफा यानी रतनजोत के बीजों से विशेष रूप से तैयार 25 प्रतिशत जैव ईधन मिलाया गया।
छत्तीसगढ़ में 500 किसान इस वक्त खासतौर पर जेट्रोफा की खेती कर रहे हैं। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने इस उपलब्धि के लिए पेट्रोलियम मंत्रालय, तेल कंपनियों, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोलियम, आइआइटी कानपुर, सीएसआइआर, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, छत्तीसगढ़ बायोफ्यूल डेवलपमेंट अथॉरिटी (सीबीडीए) को बधाई दी। उन्होंने विमानों के ईधन के लिहाज से जल्द ही नई बायो एटीएफ नीति लाए जाने का एलान किया।
विमान के पायलटों ने इस बायो फ्यूल के अनुभव को सामान्य एटीएफ से भी बेहतर बताया। विमान में जैव ईधन की आवश्यकता पर्यावरण संबंधी चुनौतियों और बढ़ते पेट्रोलियम बिल के अलावा एटीएफ की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण महसूस की गई है। जेट्रोफा से तैयार इस ईंधन में न सिर्फ कार्बन डाईऑक्साइड का उत्सर्जन 15 फीसद कम होगा, बल्कि सल्फर डाईऑक्साइड की मात्रा की सामान्य ईंधन की अपेक्षा ना के बराबर रहेगी।
स्पाइसजेट के चेयरमैन अजय सिंह ने जैव ईधन को किफायती व पर्यावरण अनुकूल बताया। स्पाइसजेट ने बायोफ्यूल के इस्तेमाल के लिए बॉम्बार्डियर विमान का उपयोग किया। स्पाइसजेट के पास ऐसे 22 विमान हैं।परीक्षण उड़ान में क्रू सदस्यों के अलावा डीजीसीए और स्पाइसजेट के चुनिंदा अधिकारियों समेत लगभग 20 लोग सवार थे, जो उड़ान का वैज्ञानिक विश्लेषण कर रिपोर्ट तैयार करेंगे। इस रिपोर्ट के आधार पर सरकार अन्य एयरलाइनों के लिए बायोफ्यूल के इस्तेमाल का रोडमैप तैयार करेगी।
19 अगस्त को विश्व जैव ईधन दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जून में जारी राष्ट्रीय जैव ईधन नीति-2018 का जिक्र किया था। इसमें जैव ईधन के उत्पादन के नियम-कायदों के अलावा पेट्रोल, डीजल अथवा एटीएफ में इसके मिश्रण के मानकों की चर्चा है।
120 रुपये कीमत, मगर होगा फायदा
देहरादून स्थित भारतीय पेट्रोलियम संस्थान (आइआइपी) के वैज्ञानिकों का कहना है कि जेट्रोफा से तैयार ईंधन की कीमत प्रति लीटर करीब 120 रुपये बैठ रही है। जो कि सामान्य ईंधन से करीब 50 रुपये महंगा है। हालांकि कई देश प्रदूषण के लिए विमानन कंपनियों से मोटा टैक्स वसूल कर रहे हैं। जल्द ही हमारे देश में भी यह कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। उस लिहाज से देखें तो जैव ईंधन का प्रयोग तुलनात्मक रूप से किफायती होगा। एयरलाइनों के ऑपरेशन में लगभग आधी लागत विमानों के ईंधन यानी एटीएफ की होती है। भारत में एटीएफ की कीमत बहुत हैं। जीएसटी से बाहर होने से राज्यों के स्तर पर इस पर बिक्रीकर और अन्य शुल्क लगते हैं। इससे इसकी कीमत अधिक हो जाती है।
इस तरह बढ़े मंजिल की तरफ कदम
-आज से करीब 10 साल पहले वर्ष 2008-09 में आइआइपी ने बायोफ्यूल तैयार करने की दिशा में काम शुरू किया था।
-वर्ष 2011 में संस्थान के वैज्ञानिकों ने जेट्रोफा के बीजों से 15 लीटर बायोफ्यूल तैयार किया।
-तैयार बायोफ्यूल को परीक्षण के लिए इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आइओसी) व हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (एचपीसी) को भेजा। यहां से सकारात्मक रिपोर्ट मिलने पर शोध की गति बढ़ा दी गई।