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India China Tension: ताइवान और PLA के गतिरोध पर भारत की चीन को नसीहत, यथास्थिति को बदलने की ना हो कोशिश

भारत ने PLA और ताइवान के बीच ताजा गतिरोध के दौरान पहली बार चीन को संयम बरतने की नसीहत दी है। भारत ने कहा है कि वह हाल के घटनाक्रमों से चिंतित है। किसी भी देश की ओर से याथास्थिति को बदलने की एकतरफा कोशिश नहीं की जानी चाहिए।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Fri, 12 Aug 2022 04:53 PM (IST)Updated: Fri, 12 Aug 2022 05:17 PM (IST)
India China Tension: ताइवान और PLA के गतिरोध पर भारत की चीन को नसीहत, यथास्थिति को बदलने की ना हो कोशिश
चीन और ताइवान के बीच जारी गतिरोध पर भारत ने कहा है कि वह हाल के घटनाक्रमों से चिंतित है।

नई दिल्‍ली, एजेंस‍ियां। चीन और ताइवान के बीच तनाव बरकरार है। ताइवान का कहना है कि भले ही चीन का सैन्य अभ्यास कम हो गया है लेकिन उसकी ओर से ताकत के इस्‍तेमाल को लेकर खतरा कम नहीं हुआ है। भारत ने PLA और ताइवान के बीच ताजा गतिरोध के दौरान पहली बार चीन को संयम बरतने की नसीहत दी है। भारत ने कहा है कि वह हाल के घटनाक्रमों से चिंतित है। किसी भी देश की ओर से याथास्थिति को बदलने की एकतरफा कोशिश नहीं की जानी चाहिए।

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ताइवान में मौजूदा स्थिति पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची (MEA Spokesperson, Arindam Bagchi) ने शुक्रवार को कहा कि भारत की प्रासंगिक नीतियां सर्वविदित हैं, सुसंगत हैं, उन्हें पुनरावृत्ति की आवश्यकता नहीं है। कई अन्य देशों की तरह भारत भी हाल के घटनाक्रमों से चिंतित है, हम संबंधित पक्ष से संयम बरतने, स्टेटस को बदलने के लिए एकतरफा कार्रवाई से बचने, तनाव कम करने के साथ ही क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने के प्रयासों का अनुरोध करते हैं।

समाचार एजेंसी एएनआइ की रिपोर्ट के मुताबिक आतंकवाद के मुद्दे पर पड़ोसी देश चीन की कथनी और करनी में लगातार आ रहे अंतर पर भी बागची ने निशाना साधाा। उन्‍होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जब आतंकवाद के खिलाफ हमारी सामूहिक लड़ाई की बात आती है तो अंतर्राष्ट्रीय समुदाय एक साथ मिलकर आवाज उठाने में असमर्थ नजर आता है। भारत ने 9 अगस्त को संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद की खुली बहस में इस मुद्दे को उठाया था। आतंकियों से निपटने में दोहरा मापदंड नहीं होना चाहिए।

अरिंदम बागची (MEA Spokesperson, Arindam Bagchi) ने कहा कि संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद में बिना कोई कारण बताए आतंकवाद के मसले पर किसी भी प्रस्‍ताव को होल्ड और ब्लॉक करने की प्रथा समाप्त होनी चाहिए। यह बेहद संवेदनशील मसला है। इस पर हमारे स्थायी प्रतिनिधि बयान दे चुके हैं। उन्‍होंने भारत की चिंता को स्पष्ट रूप से रेखांकित किया है। हम जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी अब्दुल रऊफ अजहर को संयुक्त राष्ट्र की तरफ से प्रतिबंधित करने का प्रस्ताव पर तकनीकी रोक लगाए जाने से आहत हैं।

उल्‍लेखनीय है कि भारत ने बुधवार देर रात को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की बैठक में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी अब्दुल रऊफ अजहर को संयुक्त राष्ट्र की तरफ से प्रतिबंधित करने का प्रस्ताव रखा था। इस प्रस्‍ताव पर चीन ने अपने विशेषाधिकार का इस्‍तेमाल करते हुए रोक लगा दी थी। इससे चीन की कथनी और करने में अंतर जगजाहिर हो गया है। हाल ही में चीन ने संयुक्त राष्ट्र की एक बैठक में कहा था कि आतंकवाद को लेकर राजनीति नहीं होनी चाहिए।


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