डिजिटल क्रांति की दहलीज पर खड़ा है भारत : रविशंकर प्रसाद
भारत इस समय डिजिटल क्रांति की दहलीज पर खड़ा है। ऐसे में आइटी कंपनियां 'डिजिटल इंडिया' से पैदा हुए अवसरों का लाभ उठाने के लिए आगे आएं।
वाशिंगटन। भारत इस समय डिजिटल क्रांति की दहलीज पर खड़ा है। ऐसे में आइटी कंपनियां 'डिजिटल इंडिया' से पैदा हुए अवसरों का लाभ उठाने के लिए आगे आएं।
केंद्रीय दूरसंचार एवं सूचना तकनीकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने अमेरिकी आइटी कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों से यह अपील की है। वह यहां यूएस-इंडिया बिजनेस काउंसिल (यूएसआइबीसी) की ओर से आयोजित गोलमेज सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
इस दौरान रविशंकर ने कहा कि चाहे बड़े महानगर हों या छोटे कस्बे, आइटी नेटवर्क से जुड़े भारत में नागरिकों के लिए आर्थिक और सामाजिक कल्याण के नए मौके पैदा करने की अपार क्षमता है। साथ ही, डिजिटल पहल ग्लोबल अर्थव्यवस्था के लिए भी नया अवसर प्रदान करेगी। रविशंकर यहां हॉवर्ड यूनिवर्सिटी की सालाना इंडिया कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लेने आए हैं।
उन्होंने कहा, 'हमारी सरकार हर नीतिगत फैसला पूरी तरह पारदर्शी, व्यावहारिक और तार्किक तरीके से करती है। इसलिए मैं अमेरिकी कंपनियों को भारत के डिजिटल इंडिया कार्यक्रम और आर्थिक वृद्धि के अवसरों का लाभ उठाने का आह्वान करता हूं।'
यूएसआइबीसी के प्रेसीडेंट मुकेश अघी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का निर्देश है कि भारतीयों को आपस में जोड़ा जाए। डिजिटल इंडिया पहल से भारतीय व अमेरिकी कंपनियों के लिए जबरदस्त संभावनाएं पैदा हुई हैं, क्योंकि भारत में अब भी 85 फीसद लोगों की इंटरनेट तक पहुंच नहीं है। डिजिटल इंडिया से भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में लगभग 550 अरब डॉलर का इजाफा होगा।
यूएस-इंडिया बिजनेस काउंसिल में अमेरिका और भारत की 350 बड़ी कंपनियां शामिल हैं। यूएसआइबीसी के इस सम्मेलन में गूगल, एटीएंडटी, मास्टरकार्ड, फेसबुक, अमेरिकन टॉवर कॉरपोरेशन, यूएसटी ग्लोबल तथा आइटेक जैसी कंपनियों के शीर्ष अधिकारी शरीक हुए।