COVID-19 Vaccine Doses: वैक्सीन की अतिरिक्त खुराक बनाएगी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया
COVID-19 vaccine doses वैक्सीन की अतिरिक्त खुराक बनाने के लिए सीरम इंस्टीट्यूट को 150 मिलियन डॉलर का फंड दिया गया है ताकि निम्न व मध्यम वर्ग के देशों में भी कोरोना वायरस से संघर्ष को आसान बनाया जा सके।
बेंगलुरु, रॉयटर्स। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute of India) ने मंगलवार को बताया कि इसे बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन ( Bill & Melinda Gates Foundation) और गावी (GAVI ) वैक्सीन अलायंस की ओर से 150 मिलियन डॉलर का फंड भारत व अन्य निम्न आय वाले देशों के लिए वैक्सीन विकसिित करने के लिए दिया गया है।
दूसरी ओर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ऐलान किया है कि वह अग्रणी भागीदारों के साथ मिलकर निम्न व मध्यम आय वाले देशों की कोरोना जांच में मदद करेगा। इसके लिए इन देशों को 12 करोड़ रैपिड जांच किट देने की योजना तैयार की गई है। हालांकि, अभी इस योजना के लिए फंड का उचित और पर्याप्त इंतजाम नहीं हो पाया है। एंटीजन आधारित रैपिड जांच के लिए डब्ल्यूएचओ ने पिछले हफ्ते ही उपयोगी जांच सूची जारी की थी। इसमें एक जांच पर पांच डॉलर यानी करीब पौने चार सौ रुपये का खर्च आएगा। इस योजना के लिए 60 करोड़ डॉलर (लगभग 4,500 करोड़) की जरूरत है।
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अदार पूनावाला ने हाल में ही कहा कि वर्ष 2024 से पहले दुनिया में हर किसी के लिए कोरोना वायरस वैक्सीन का निर्माण नहीं हो सकेगा। ऑनलाइन मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इंस्टीट्यूट के प्रमुख अदार पूनावाला ने कहा कि दवा कंपनियों ने उत्पादन में तेजी से बढ़ोतरी नहीं की है, जिससे दुनिया की पूरी आबादी को कम समय में टीके लगाए जा सकें।
अदार पूनावाला ने कहा था कि इस धरती पर सभी को वैक्सीन मिलने में चार से पांच साल का समय लग जाएगा।
इससे पहले अदार पूनावाला ने कहा था कि मीजल्स या रोटावायरस (Rotavirus) की तरह कोरोनावायरस में भी दो खुराक की जरूरत होगी और पूरी दुनिया के लिए करीब 15 अरब खुराक का इंतजाम करना होगा।
वैक्सीन के लिए सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने 5 अंतरराष्ट्रीय दवा कंपनियों के साथ करार कर लिया है। इन कंपनियों में एस्ट्राजेनेका (AstraZeneca) और नोवावैक्स (Novavax) भी शामिल हैं. सीरम इंस्टीट्यूट एक कोरोना वायरस वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) विकसित करने में लगा है, जिसकी 1 अरब खुराक को विकसित करना है। इसमें से 50 फीसद खुराक भारत के लिए है। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया का दुनिया की 5 कंपनियों के साथ अनुबंध है। इनमें एस्ट्राजेनेका (AstraZeneca) और नोवावैक्स (Novavax) भी शामिल है।