रोहिंग्या शरणार्थियों को पहुंची मदद
भारत सरकार ने बांग्लादेश को मदद करने का फैसला किया है ताकि वहां लाखों की संख्या में आये रोहिंग्या शरणार्थियों को जरूरी सामान उपलब्ध हो सके।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। म्यंमार के सैनिकों के हमले से बचने के लिए देश छोड़ने पर मजबूर रोहिंग्या शरणार्थियों को लेकर भारत के भीतर जो भी तैयारी चल रही हो लेकिन सरकार मानवीय मुद्दे के आधार पर इन्हें मदद देने में कोई कमी नहीं करना चाहती। इस क्रम में भारत सरकार ने बांग्लादेश को मदद करने का फैसला किया है ताकि वहां लाखों की संख्या में आये रोहिंग्या शरणार्थियों को जरूरी सामान उपलब्ध हो सके। भारत सरकार की तरफ तकरीबन 53 टन राहत सामग्री गुरुवार को बांग्लादेश को भेज भी दिया गया है। इसके लिए विदेश मंत्रालय की निगरानी में जो राहत कार्यक्रम चलाया गया है उसका नाम आपरेशन इंसानियत रखा गया है।
विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि चावल, गेहूं, दाल, चीनी, नमक, खाद्य तेल, नूड्ल्स, बिस्किट, मच्छरदानी वगैरह की पहली खेप लेकर वायु सेना का विमान बांग्लादेश पहुंच गया है। भारतीय वायु सेना का जहाज इन सामग्री के साथ चिटगांव पहुंच गया है, जहां से उसका वितरण शरणार्थियों को भेजा जाएगा। भारत ने कहा है कि जब भी बांग्लादेश में कोई संकट आया है तब भारत ने उसे मदद देने में कोई कमी नहीं की है। इस बार भी चूंकि बांग्लादेश में बड़ी संख्या में बाहरी शरणार्थियों के आने से हालात बिगड़ रहे हैं तो उसे मदद देने का फैसला किया गया है। भारत ने यह भी कहा है कि अगर आगे बांग्लादेश को किसी और सामान की जरुरत होती है तो उसे भी उपलब्ध कराया जाएगा। भारत और बांग्लादेश के बीच दो दिन पहले ही रोहिंग्या शरणार्थियों के मुद्दे पर विचार विमर्श हुआ था।
सरकार के इस फैसले का यह असर भी होगा कि म्यंमार से भागे हुए रोहिंग्या शरणार्थियों को भारत आने से रोका जा सकेगा। भारतीय अधिकारी मान रहे हैं कि अगर इन शरणार्थियों को खाने पीने की रसद पर्याप्त मात्रा में बांग्लादेश में ही मिलती रहे तो इनका पलायन भारत की तरफ नहीं होगा। भारत में पहले से ही हजारों रोहिंग्या शरणार्थी रह रहे हैं। सरकार उन्हें भारत से भेजने की प्रक्रिया भी शुरु कर चुकी है। इससे जुड़ा एक मामला सुप्रीम कोर्ट में भी चल रहा है।
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