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भारत ने भी छोड़े पाक के 37 कैदी

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के हालिया दौरे से पहले इस्लामाबाद की ओर से दिखाई सद्भावना का जवाब देते हुए भारत ने भी पाक के 37 कैदियों को रिहा कर दिया है। भारतीय जेलों से रिहा हुए पाकिस्तानी बंदियों में 32 मछुआरे हैं। भारत के इस कदम पर पाकिस्तान ने यह जताने में देर नहीं लगाई कि अब भी उसके 400 से अधिक

By Edited By: Published: Sat, 31 May 2014 01:55 AM (IST)Updated: Sat, 31 May 2014 03:33 AM (IST)
भारत ने भी छोड़े पाक के 37 कैदी

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के हालिया दौरे से पहले इस्लामाबाद की ओर से दिखाई सद्भावना का जवाब देते हुए भारत ने भी पाक के 37 कैदियों को रिहा कर दिया है। भारतीय जेलों से रिहा हुए पाकिस्तानी बंदियों में 32 मछुआरे हैं। भारत के इस कदम पर पाकिस्तान ने यह जताने में देर नहीं लगाई कि अब भी उसके 400 से अधिक नागरिक भारतीय जेलों में हैं जिनमें 132 मछुआरे शामिल हैं।

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भारत ने जो 37 कैदी छोड़े हैं उनमें 5 नागरिक और 32 मछुआरे हैं। विभिन्न जेलों से इन कैदियों को रिहा कर वाघा सीमा पर पाक के अधिकारियों को सौंप दिया गया।

इस कदम पर को अपर्याप्त बताते हुए पाकिस्तान ने भारत को यह याद दिलाने का भी प्रयास किया कि उसने 26 मई को 151 भारतीय मछुआरों को रिहा किया था। पाक के विदेश मंत्रालय के मुताबिक, पाकिस्तान का यह दृढ़ मत है कि दोनों मुल्कों के बीच बंदियों के मुद्दे को मानवीय आधार पर सुलझाया जाना चाहिए। पाकिस्तान ने भारत से सजा पूरी कर चुके अपने सभी नागरिकों को रिहा करने की मांग की।

उल्लेखनीय है कि बीते साल भारतीय कैदी सरबजीत की मौत लाहौर के कोट लखपत जेल में हो गई थी। उसकी रिहाई के लिए भारत ही नहीं पाकिस्तान के कई मानवाधिकार संगठनों की अपील के बावजूद उसे रिहा नहीं किया गया। जेल में हुए हमले से आई गंभीर चोटों के कारण उसकी मौत हो गई थी। इसके बाद जम्मू की जेल में बंद पाक बंदी सनाउल्लाह खान की जान भी साथी कैदी के साथ हाथापाई में चली गई। दोनों मुल्कों के बीच कैदियों का मामला सुलझाने के लिए एक न्यायिक आयोग भी बनाया गया। हालांकि इस आयोग की सिफारिशें पूरी तरह कभी लागू नहीं हो पाई।

भारत ने यूक्रेन में मौजूद अपने नागरिकों को किया आगाह

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। भारत ने राजनीतिक उथल-पुथल से जूझ रहे यूक्रेन के हिंसाग्रस्त इलाकों से अपने सभी नागरिकों को लौटने की हिदायत दी है। कीव स्थित भारतीय दूतावास ने परामर्श जारी कर पूर्वी यूक्रेन के दोनातस्त और लुगांस्क क्षेत्र से अपने सभी नागरिकों और खासतौर पर छात्रों को तुरंत बाहर निकलने की सलाह दी है। भारत ने ताजा चुनावों के बाद यूक्रेन में स्थिरता की उम्मीद जताते हुए यूक्रेनी जनता को बधाई भी दी है।

भारत ने यूक्रेन में राष्ट्रपति चुनावों में स्पष्ट बहुमत हासिल करने वाले निर्वाचित नेता पेत्रो पोरोशेंको को भी शुभकामना दी है। इस बीच यूक्रेन के हालात की नजाकत भांपते हुए एहतियातन भारत ने अपने सभी नागरिकों और विशेषकर छात्रों को दूतावास में अपनी जानकारियां पंजीकृत कराने को कहा है। विदेश मंत्रालय के मुताबिक यूक्रेन में करीब चार हजार भारतीय छात्र हैं। भारत ने अपने सभी नागरिकों को यूक्रेन की गैर-जरूरी यात्रा टालने की भी सलाह दी है। महत्वपूर्ण है कि यूक्रेन में बीते दो महीने से रूस समर्थकों और विरोधियों के बीच हिंसक टकराव की स्थिति बनी हुई है।

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