कोरोना के बीच देश पर मंडरा रहा स्वाइन फ्लू का खतरा, जुलाई तक दो हजार से अधिक हुए शिकार
नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (NCDC) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक H1N1 के जुलाई तक 2721 मामले सामने आए हैं और 44 लोगों की जान चली गई।
नई दिल्ली, एएनआइ। इस वक्त कोरोना वायरस (COVID-19) ने तो देश पर कहर बरपा ही रखा है वहीं, दूसरी तरफ स्वाइन फ्लू के भी दो हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। 31 जुलाई को नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (NCDC) द्वारा जारी आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, H1N1 के कम से कम 2,721 मामले दर्ज किए गए हैं और 44 लोगों की जान चली गई।
देश के पांच राज्यों में इसका असर सबसे ज्यादा देखने को मिला है। इनमें कर्नाटक, तेलंगाना, दिल्ली, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश शामिल हैं। सबसे ज्यादा केस कर्नाटक से दर्ज किए गए हैं यहां 458 लोग स्वाइन फ्लू का शिकार हुए हैं। इसके अलावा तेलंगाना में 443, दिल्ली में 412, तमिलनाडु में 253 और उत्तर प्रदेश में 251 लोगों को फ्लू ने अपना शिकार बनाया है।
सबसे पहले सांस लेने में दिक्कत के साथ सुअरों में इस फ्लू का असर देखने को मिला था। इसके मनुष्य में भी यह फैल गया। इसमें सीजनल फ्लू जैसे लक्षण- बुखार, खांसी, गले में खराश, शरीर में दर्द और ठंड लगना शामिल हैं।इसका सबसे ज्यादा खतरा गर्भवती महिलाओं, पांच साल से कम उम्र के बच्चों, बुजुर्ग लोगों या फिर पहले से किसी बीमारी से जूझ रहे लोगों पर ज्यादा रहता है। इसके अलावा, COVID-19 और स्वाइन फ्लू के लक्षण काफी मिलते-जुलते हैं। फोर्टिस अस्पताल में पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉ. विकास मौर्य की सलाह है कि यदि किसी में ऐसे लक्षण नजर आते हैं तो डॉक्टर को COVID-19 टेस्ट के साथ मरीज की हालत को देखते हुए इंफ्लूएंजा का टेस्ट भी करवाना चाहिए।
इसके अलावा, सांस की बीमारी वाले मरीजों के लिए यह सही समय है कि वे अधिक एहतियात बरतें और सुरक्षा के लिए इन्फ्लूएंजा वैक्सीन अवश्य लें। वहीं, हाथ की स्वच्छता, सोशल डिस्टेंसिंग और फेस मास्क जरूर पहनें।
गौरतलब है कि देश में अब तक कोरोना संक्रमण के 26 लाख से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं, जबकि 19 लाख से अधिक अब तक ठीक हो चुके हैं। वहीं, 50 हजार से ज्यादा संक्रमितों की मृत्यु हो चुकी है। वर्तमान में साढ़े लाख से अधिक मरीज अपना इलाज करवा रहे हैं।