टिड्डियों की समस्या से निपटने में अब भारत दूसरे देशों की मदद को तैयार, सरकार ने जताई इच्छा
भारत टिड्डियों जैसे प्रवासी कीटों के फिर हमले की स्थिति में अन्य देशों की मदद के लिए संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) के साथ काम करने के लिए तैयार है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने गुरुवार को कहा कि टिड्डियों जैसे प्रवासी कीटों के फिर हमले की स्थिति में भारत अन्य देशों की मदद के लिए संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) के साथ काम करने के लिए तैयार है।एफएओ के चार दिवसीय 35वें एशिया-प्रशांत क्षेत्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए रूपाला ने प्रवासी कीटों को नियंत्रित करने में भारत का अनुभव साझा करने और एफएओ के साथ काम करने की सरकार की इच्छा को व्यक्त किया।
भूटान की मेजबानी में इस वर्चुअल सम्मेलन को कोविड-19 महामारी और भुखमरी से निपटने की योजना बनाने के लिए आयोजित किया गया है। याद दिला दें कि भारत में 11 अप्रैल से शुरू हुई मरु टिड्डियों की समस्या को सरकार द्वारा 10 उत्तरी राज्यों में समय पर उठाए गए कदमों के कारण अब काफी नियंत्रित कर लिया गया है। टिड्डी समस्या से निपटने के लिए मदद का हाथ बढ़ाते हुए रूपाला ने एफएओ से पानी की कमी, जलवायु परिवर्तन, भुखमरी और पोषण से जुड़ी चुनौतियों के इनोवेटिव हल तलाशने का आह्वान किया।
उन्होंने एशिया प्रशांत देशों की उम्मीदों को पूरा करने और सभी के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी साझा करने की भारत की प्रतिबद्धता को भी दोहराया।
सक्रिय उपायों से देश में नहीं हुआ बड़ा नुकसान
टिड्डी नियंत्रण अभियान इस साल देश के 2.87 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में चलाया गया। यह अभियान उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, गुजरात, पंजाब, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और राजस्थान के खेतिहर इलाकों में चला। अभियान की सक्रियता के चलते इस बार किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं है। यह जानकारी खुद केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने दी है।
यह अभियान 11 अप्रैल से शुरू होकर 11 अगस्त तक 2.76 लाख हेक्टेयर इलाके में चला, लेकिन 18 अगस्त तक इसने लाख 2.87 हेक्टेयर इलाका कवर किया। इस अभियान में सभी प्रदेश सरकारों का सहयोग लिया गया। अभियान में 12 स्थान ऐसे थे जहां रात-दिन लगातार काम हुआ। इनमें राजस्थान के पांच जिलों (जैसलमेर, बाड़मेर, बीकानेर, चुरु और हनुमानगढ़) के दस स्थान थे, गुजरात के कच्छ जिले में दो स्थान थे।