बदलते अंतरराष्ट्रीय समीकरणों के बीच भारत ने रूस में एससीओ सैन्य अभ्यास में लिया भाग
भारत ने रूस के ओरेनबर्ग क्षेत्र में बहुराष्ट्रीय आतंकवाद-विरोधी सैन्य अभ्यास में भाग लिया है जिसका आयोजन शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के तत्वावधान में किया गया है। यह सैन्य अभ्यास किसी शहरी परिदृश्य में आतंकवाद विरोधी अभियानों में प्रशिक्षित करने का मौका उपलब्ध कराएगा।
नई दिल्ली, प्रेट्र। भारत ने रूस के ओरेनबर्ग क्षेत्र में बहुराष्ट्रीय आतंकवाद-विरोधी सैन्य अभ्यास में भाग लिया है, जिसका आयोजन शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के तत्वावधान में किया गया है। भारतीय सेना ने कहा कि भारत ने 13 से 25 सितंबर के बीच आयोजित 'एक्सरसाइज पीसफुल मिशन' के छठे संस्करण के लिए 200 कर्मियों की एक टीम भेजी है। इनमें 38 वायुसेना कर्मी भी शामिल हैं।
आतंकवाद विरोधी अभियानों में प्रशिक्षित करने का मिलेगा मौका
इस अभ्यास का उद्देश्य एससीओ सदस्य देशों के बीच प्रगाढ़ संबंधों को बढ़ावा देना और सैन्य अधिकारियों की बहुराष्ट्रीय सैन्य टुकड़ियों को कमान करने की क्षमता बढ़ाना है। भारतीय सेना ने एक बयान में कहा कि इस अभ्यास से एससीओ देशों के सशस्त्र बलों के बीच सर्वोत्तम चलन को साझा करने में मदद मिलेगी। यह अभ्यास एससीओ देशों के सशस्त्र बलों को बहुराष्ट्रीय और संयुक्त माहौल में किसी शहरी परिदृश्य में आतंकवाद विरोधी अभियानों में प्रशिक्षित करने का मौका उपलब्ध कराएगा।
युद्धाभ्यास में भाग ले रही हैं चीन और पाकिस्तान की सेनाएं
ज्ञात हो कि इस युद्धाभ्यास में चीन और पाकिस्तान दोनों की सेनाएं भी भाग ले रही हैं। रक्षा अधिकारियों ने बताया कि यह अंतरराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास 25 सितंबर तक चलेगा। इस सैन्य अभ्यास में सभी प्रतिभागी आतंकवाद रोधी ड्रिल का हिस्सा होंगे। सनद रहे कि भारत ने पिछले साल इन सैन्य अभ्यासों में भाग नहीं लिया था। एलओसी को एकतरफा रूप से बदलने की चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की कोशिशों के चलते भारत इस बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास से पीछे हट गया था।
यह सैन्य अभ्यास ऐसे वक्त में हो रहा है, जब अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार बन गई है। चीन और पाकिस्तान ने तालिबान की सरकार को खुलकर समर्थन दिया है। अफगानिस्तान में कूटनीतिक समीकरणों के बदलने के बाद से भारत चीन-पाकिस्तान की जोड़ी से मिल रही चुनौती की काट खोजने में जुटा है।