भारत बिजली उत्पादन में लगातार विकास हासिल करने की राह पर : आर.के. सिंह
बिजली उत्पादन में भारत लगातार नए-नए लक्ष्य बना रहा हैं और उन्हें पूरा करने के लिए भरपूर कोशिश भी कर रहा है। इस बार भारत सरकार ने नवीकरणीय संसाधनों से 175000 मेगावाट तक की क्षमता का लक्ष्य रखा है।
नई दिल्ली। बिजली उत्पादन में भारत लगातार नए-नए लक्ष्य बना रहा है और उन्हें पूरा करने के लिए भरपूर कोशिश भी कर रहा है। इस बार भारत सरकार ने नवीकरणीय संसाधनों से 1,75,000 मेगावाट तक की क्षमता का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य में सरकार सौर ऊर्जा (सोलर एनर्जी) से 1,00,000 मेगावाट, पवन ऊर्जा (विंड पावर) से 60,000 मेगावाट, जैव ईंधन (बायोमास व जैवभार ऊर्जा) से 10,000 मेगावाट और लघु हाइड्रो से 5000 मेगावाट बिजली उत्पादन करना शामिल हैं।
30 जून, 2021 तक के आंकड़ों के हिसाब से नवीकरणीय संसाधनों द्वारा कुल बिजली उत्पादन की क्षमता 96.95 गीगावाट (जीडब्लू) तक की थी। तो वहीं 30 जून, 2021 तक गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों से स्थापित कुल बिजली उत्पादन की क्षमता 150.06 गीगावॉट थी, जो कुल बिजली उत्पादन क्षमता का 39 फीसदी है। भारत इस समय राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (एनडीसी) के लक्ष्य को पाने और उससे आगे निकलने की राह पर है। 2030 तक भारत का लक्ष्य बिजली उत्पादन में गैर जीवाश्म-ईंधन स्रोतों द्वारा का 40 प्रतिशत की क्षमता का है।
नवीकरणीय संसाधनों द्वारा बिजली उत्पादन पर इन मुद्दों पर भी कदम उठाए गए हैं:
1- 30 जून 2025 तक चालू होने वाली सौर और पवन स्रोतों से पैदा होने वाली बिजली परियोजनाओं पर अंतर-राज्यीय पारेषण शुल्क में छूट दी जाएगी।
2- नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से बिजली निकालने के लिए हरित ऊर्जा गलियारे को विकसित किया गया हैं।
3- साल 2022 तक 175 गीगावाट की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता पैदा करने के लिए अक्षय खरीद दायित्व प्रक्षेपवक्र अधिसूचित किया गया है।
राज्यसभा में केंद्रीय विद्युत एवं नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर.के. सिंह से बिजली उत्पादन की क्षमता पर एक प्रश्न पुछा गया थी जिसके जवाब में आज राज्यसभा में नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री आर.के. सिंह ने लिखित उत्तर में दिया।