2035 तक भारत में 3 प्रतिशत बढ़ जाएगी तेल की मांग, चीन और दक्षिण-पूर्व एशिया को छोड़ देगा पीछे
एक अध्ययन के अनुसार, भारत में तेल की मांग 2035 तक 3% बढ़ने का अनुमान है, जो चीन और दक्षिण-पूर्व एशिया से अधिक है। यह वृद्धि अर्थव्यवस्था के विकास और जनसंख्या वृद्धि के कारण होगी। सरकार तेल की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए कदम उठा रही है।

2035 तक भारत में 3 प्रतिशत बढ़ जाएगी तेल की मांग। (प्रतीकात्मक)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आइईए) ने बुधवार को कहा कि भारत अगले दशक में तेल की मांग में वृद्धि का एक नया केंद्र बनकर उभरेगा। उभरते बाजारों और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में भारत में ऊर्जा की मांग सबसे तेजी से बढ़ रही है और यह 2035 तक प्रत्येक वर्ष औसतन तीन प्रतिशत की दर से बढ़ेगी।
देश की ऊर्जा की बढ़ती मांग चीन और दक्षिण-पूर्व एशिया की संयुक्त मांग से भी ज्यादा होगी, जो वैश्विक तेल बाजारों को आकार देने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करता है।
आइईए ने अपनी रिपोर्ट में कहा, वर्तमान नीति परिदृश्य में 2050 तक तेल प्रमुख ईंधन बना रहेगा। पिछले दस वर्षों में तेल की मांग में 75 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि चीन में हुई है, लेकिन यह तस्वीर अब बदल रही है और भारत तेल की मांग में वृद्धि का नया केंद्र बन रहा है।
अगले दस वर्षों में वैश्विक तेल मांग वृद्धि में भारत अग्रणी रहेगा, और 2035 तक वैश्विक स्तर पर उत्पादित अतिरिक्त बैरल का लगभग आधा हिस्सा भारत की ओर जाएगा। कार स्वामित्व में तेजी से वृद्धि, प्लास्टिक, रसायन और विमानन की बढ़ती मांग के साथ खाना पकाने के लिए एलपीजी के उपयोग में वृद्धि के परिणामस्वरूप भारत का तेल उपयोग 2024 के 55 लाख बैरल प्रतिदिन से बढ़कर 2035 में 80 लाख बैरल प्रतिदिन हो जाएगा।
20 लाख बैरल प्रतिदिन तक बढ़ जाएगी तेल की मांग
रिपोर्ट के अनुसार, भारत में तेल की मांग 2035 तक 20 लाख बैरल प्रतिदिन तक बढ़ जाएगी, जो किसी भी देश में होने वाली सबसे बड़ी वृद्धि है। 2035 तक अगली सबसे बड़ी वृद्धि अफ्रीका 12 लाख बैरल प्रतिदिन और दक्षिण-पूर्व एशिया में 10 लाख बैरल प्रतिदिन होगी। सीमित घरेलू उत्पादन के चलते इस बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए भारत की आयात पर निर्भरता और बढ़ेगी।
आइईए ने अनुमान लगाया है कि घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के सरकारी प्रयासों के बावजूद भारत में आयात पर निर्भरता 2024 के 87 प्रतिशत से बढ़कर 2035 में 92 प्रतिशत हो जाएगी। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत को छोड़कर सभी प्रमुख उत्पादक देशों में 2035 तक कोयला उत्पादन में गिरावट आएगी। भारत में कोयला उत्पादन 2035 तक लगभग पांच करोड़ टन के स्तर तक बढ़ जाएगा।
(समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)

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