दावोस में भारत-मलेशिया वार्ता संभव, पाम ऑयल आयात को लेकर तनातनी पर चर्चा के कयास
भारत और मलेशिया में पाम ऑयल को लेकर चल रही तनातनी पर दोनों देशों के बीच स्विट्जरलैंड के दावोस में वार्ता संभव है।
नई दिल्ली, रायटर। भारत और मलेशिया में पाम ऑयल को लेकर चल रही तनातनी पर दोनों देशों के बीच स्विट्जरलैंड के दावोस में वार्ता संभव है। दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (डब्ल्यूईएफ) की सालाना बैठक का आयोजन 20-24 जनवरी को होना है। मलेशिया की सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा कि आयोजन के मौके पर दोनों देशों के वाणिज्य मंत्रियों की मुलाकात संभव है।
भारत दुनिया का सबसे बड़ा पाम ऑयल आयातक और मलेशिया निर्यातक
भारत ने पिछले दिनों मलेशिया से रिफाइंड पाम ऑयल का आयात प्रतिबंधित कर दिया था। मलेशिया दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा पाम ऑयल उत्पादक व निर्यातक हैं। वहीं, भारत दुनिया का सबसे बड़ा पाम ऑयल आयातक है। तनाव के चलते शुक्रवार को मलेशिया सबसे बड़ा झटका लगा। बीते 11 सालों में पॉम ऑइल की बेंचमार्क कीमतों में सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई।
पाम ऑयल के आयात पर प्रतिबंध क्यों लगा
कहा जा रहा है कि मलेशिया के प्रधानमंत्री ने भारत की हाल की कुछ घरेलू नीतियों के खिलाफ जमकर बयान दिए हैं, जिसके खिलाफ भारत सरकार ने यह कदम उठाया है। लेकिन वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने इसी सप्ताह गुरुवार को स्पष्ट किया कि रिफाइंड पाम ऑयल के आयात पर प्रतिबंध का फैसला पूरी तरह घरेलू कारोबारियों के हितों को देखते हुए लिया गया है।
गोयल करेंगे भारतीय दल का प्रतिनिधित्व
दावोस में भारतीय दल का प्रतिनिधित्व वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल करेंगे। आयोजन के दौरान वे डब्ल्यूटीओ के मंत्रियों की अनौपचारिक बैठक में भी शिरकत करेंगे। वहां उनकी ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका, रूस, सऊदी अरब, स्विट्जरलैंड, कोरिया और सिंगापुर के मंत्रियों के साथ अलग-अलग द्विपक्षीय वार्ता का भी कार्यक्रम है।
डब्ल्यूटीओ के महानिदेशक और ओईसीडी के महासचिव के साथ बैठक
इसके अलावा वे विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के महानिदेशक और आर्थिक सहयोग व विकास संगठन (ओईसीडी) के महासचिव के साथ भी बैठक करेंगे। गोयल के साथ केंद्रीय जहाजरानी और रसायन व उर्वरक राज्यमंत्री मनसुख एल. मांडविया, कर्नाटक और मध्य प्रदेश के मुख्य मंत्री, पंजाब के वित्त मंत्री और तेलंगाना के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री भी डब्ल्यूईएफ में शिरकत करेंगे।