चीन कर रहा सूचना तंत्र पर हमला, एक साल में 1.24 लाख करोड़ का हुआ नुकसान
भारत दुनिया के उन तीन देशों में है जहां पर सबसे ज्यादा साइबर अटैक हो रहे हैं। बीते साल में साइबर अपराधों से देश को 1.24 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। इसको रोकने के सरकार जल्द ही दूरसंचार क्षेत्र के लिए नए दिशानिर्देश जारी करेगी।
नई दिल्ली, आइएएनएस। चीन की ओर से होने वाली ऑनलाइन सूचनाओं की चोरी और साइबर अटैक की घटनाओं को रोकने के लिए केंद्र सरकार जल्द ही दूरसंचार क्षेत्र के लिए नए दिशानिर्देश जारी करेगी। दिशानिर्देशों के मसौदे को सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी छह महीने के भीतर हरी झंडी दे देगी।
राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय की गोपनीय रिपोर्ट के मुताबिक देश की सुरक्षा के लिए इस तरह के दिशानिर्देशों की गंभीरता से जरूरत महसूस की जा रही है। भारत दुनिया के उन तीन देशों में है जहां पर सबसे ज्यादा साइबर अटैक हो रहे हैं। बीते साल में साइबर अपराधों से देश को 1.24 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
रिपोर्ट के मुताबिक ऑनलाइन मामलों में गड़बड़ी का बड़ा कारण नकली हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर कंपोनेंट हैं, जो ज्यादातर चीन से आ रहे हैं। पता चला है कि चीन के हैकर खासतौर पर बैंकिंग और फाइनेंस से जुड़ी गतिविधियों को अपना निशाना बना रहे हैं। ये भारत की आर्थिक गतिविधियों को ठप करना चाहते हैं। इसके बाद जिन क्षेत्रों को खतरा है, वे हैं- ऊर्जा, यातायात, सुरक्षा से जुड़े क्षेत्र और रणनीतिक योजनाएं हैं। 5 जी तकनीक लागू होने पर यह खतरा और बढ़ जाएगा। इसके चलते केंद्र सरकार अब दूरसंचार क्षेत्र में सुरक्षा के नए दिशानिर्देश करना चाहती है। साथ ही चीन के दूरसंचार उपकरणों पर निर्भरता भी कम कर रही है। उसका ध्यान संवेदनशील उपकरणों के निर्माण में आत्मनिर्भर होना या फिर उनके लिए पश्चिमी देशों से खरीदारी करना है।