चीन सीमा से सटी खास सड़क को इसी साल पूरा करने पर जोर, सेना को मिलेगी बड़ी मदद
पूर्वी लद्दाख में चीन से विवाद के बीच भारत रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण दारबुक-श्योक-दौलत बेग ओल्डी रोड को पूरा करने की कोशिश में है। सेना को बड़ी मदद मिलेगी...
नई दिल्ली, एएनआइ। पूर्वी लद्दाख में चीन की घुसपैठ से पैदा विवाद के बीच भारत रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण दारबुक-श्योक-दौलत बेग ओल्डी (डीएसडीबीओ) रोड को पूरा करने की कोशिश में है। 255 किलोमीटर लंबी इस सड़क पर इस साल के अंत तक आठ पुल बनाए जाने हैं और पूरी सड़क पर कोलतार की परत बिछाने का काम पूरा होना है। इस सड़क के तैयार होने पर सुरक्षा बलों को लेह से दौलत बेग ओल्डी तक पहुंचने में छह घंटे का समय कम हो जाएगा। चीन से पैदा तनाव के बीच सरकार अब इस रणनीतिक सड़क को कम समय में पूरा कर लेना चाहती है।
माना जा रहा है कि यह कार्य निर्धारित समय पर दिसंबर तक पूरा कर लिया जाएगा। कोविड-19 के संक्रमण के चलते सड़क निर्माण के कार्य में बाधा आई है लेकिन झारखंड के मजदूरों के सहयोग इस रुकावट को जल्द खत्म कर लिया जाएगा। ऊंचाई पर काम करने में सिद्धहस्त झारखंड के मजदूरों का कोरोना टेस्ट कर उन्हें लाने की तैयारी हो रही है। यहां पर काम करने के लिए बहुत कम समय बचा है। भीषण ठंड के चलते साल में मुश्किल से पांच महीने ही लद्दाख में काम हो पाता है। इसलिए महामारी को पीछे छोड़ते हुए कुछ ही दिनों में काम तेज करने की रूपरेखा बन रही है।
रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण इस सड़क को बनाने की योजना दो दशक से भी ज्यादा पुरानी है। लेकिन 2014 में केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार आने के बाद इस योजना को गति मिली। सेना की उत्तरी कमान, सीमा सड़क संगठन और सेना की 81 वीं ब्रिगेड की देखरेख में इस सड़क के निर्माण का कार्य चल रहा है। यह सड़क सभी मौसमों में काम आएगी और इस पर से बर्फ हटाने की खास व्यवस्था की जा रही है। यह सड़क उस गालवान इलाके को भी छुएगी, जहां पर चीन के सैनिकों ने सीमा पार कर डेरा डाल लिया था। बाद में वहां से पीछे हट गए लेकिन उन्होंने अभी भी भारतीय जमीन खाली नहीं की है।