लॉकडाउन में भारत ने राजनीति व धर्म के बिना जीना सीखा : माधवन नायर
माधवन नायर ने कहा कि यह ट्रेंड जारी रहना चाहिए हर चुनाव के बाद राजनीतिक गतिविधियां पृष्ठभूमि में चली जानी चाहिए और हर व्यक्ति को राष्ट्र निर्माण पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
बेंगलुरु, प्रेट्र। देश के प्रख्यात वैज्ञानिक और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व चेयरमैन जी. माधवन नायर ने कहा है कि लॉकडाउन में देश ने राजनीति और धर्म के बिना जीना सीख लिया है। यह बहुत बड़ी उपलब्धि है।
माधवन नायर ने कहा कि यह ट्रेंड जारी रहना चाहिए, हर चुनाव के बाद राजनीतिक गतिविधियां पृष्ठभूमि में चली जानी चाहिए और हर व्यक्ति को राष्ट्र निर्माण पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। कोविड-19 पर उन्होंने कहा कि पृथ्वी पर ऐसे कई वायरस निष्कि्रय अवस्था में रहते हैं और जब स्थितियां अनुकूल होती हैं तो वे सक्रिय हो जाते हैं। अगर आप पिछली तीन सदियों या उससे पीछे के समय को देखें तो हर सौ वर्ष में एक बार कुछ न कुछ जरूर फैलता है। इसलिए यह प्राकृतिक घटना है।
राष्ट्र निर्माण में भी दिखानी होगी ऐसी एकजुटता
नायर ने कहा कि कोरोना वायरस के प्रसार के खिलाफ लड़ाई में भारतीयों ने जाति, पंथ और राजनीतिक विचारधारा से ऊपर उठकर अपनी एकजुटता दिखाई है। राष्ट्र निर्माण में भी यही रुख अपनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वायरस का प्रसार रोकने के लिए लागू किए जा रहे विभिन्न कदमों को बड़े पैमाने पर नौकरशाही द्वारा संचालित किया जा रहा है जिसने इस मौके पर बहुत बढि़या काम किया है। यही भावना बरकरार रखनी होगी।
बिचौलियों का खात्मा देश के लिए अच्छा
नायर ने कहा कि लोगों के लिए कोविड-19 राहत पैकेज लाने में भारत बिचौलियों को खत्म करने में सफल रहा है। उन्होंने कहा, 'पहले सभी तरह की आर्थिक सहायता बिचौलियों के हाथों में चली जाती थी और वे लोग उसके लाभों से वंचित हो जाते थे जिन तक उसे पहुंचना होता था। इसलिए यह प्रक्रिया (बिचौलियों के खात्मे की) अगर जारी रहती है तो यह निश्चित तौर पर देश के लिए अच्छी है।'
स्वदेशीकरण कार्यक्रम के लिए अच्छा समय
भारत में बहुत बड़े घरेलू बाजार का उल्लेख करते हुए पूर्व इसरो प्रमुख ने स्वदेशीकरण कार्यक्रम पर जोर देने की वकालत की जो पिछले कुछ समय से विदेश में आसानी से उपलब्ध वस्तुओं की वजह से पृष्ठभूमि में चला गया था। नायर ने कहा, 'भारतीय उद्योगों और अनुसंधान प्रयोगशालाओं के लिए अब समय है कि वे स्वदेशीकरण अभियान को तेज गति प्रदान करें।'