जानें, शरीफ के इस्तीफे के बाद PAK में अस्थिरता को लेकर क्यों चिंतित है भारत?
चुनाव को देखते हुए राजनीतिक दल भारत विरोधी तेवरों को और तल्ख कर सकते हैं।
नई दिल्ली, जेएनएन। पनामागेट कांड में पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के पीएम नवाज शरीफ को अयोग्य घोषित करने के ऐतिहासिक फैसले के बाद उपजे माहौल पर भारत भी सतर्क नजर बनाए हुए है। पाकिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता बढ़ने और वहां की सेना के हस्तक्षेप और बढ़ने के आसार से भारत चिंतित भी है।
भारत की आशंका है कि वहां की अस्थिरता कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने वाले संगठनों को नई ऊर्जा दे सकती है। ऐसे में भारतीय खुफिया एजेंसियों ने सतर्कता बढ़ा दी है। सभी एजेंसियों को खास तौर पर जम्मू-कश्मीर में चाक चौबंद रहने का निर्देश दिया गया है।
विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी शरीफ की बर्खास्तगी के बाद उपजे हालात को तीन वजहों से भारत के लिए चिंता का कारण बताते हैं। सबसे अहम तो यह है कि मजबूत राजनीतिक नेतृत्व न होने से पाक सेना बेलगाम होगी। पाक सेना किसी सूरत में भारत के साथ बेहतर रिश्तों को बर्दाश्त नहीं कर सकती।
दूसरी वजह यह है कि अगले साल होने वाले चुनाव को देखते हुए राजनीतिक दल भारत विरोधी तेवरों को और तल्ख कर सकते हैं। इस वजह से भारत विरोधी आतंकी संगठनों मसलन जैश-ए-मोहम्मद या तहरीक-ए-आजादी (जमात का नया संगठन) को वहां अपनी गतिविधियों को और बढ़ाने का मौका मिल सकता है। तीसरी वजह यह है कि पाक सेना कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को बढ़ाने की नई कोशिश कर सकती है।
विदेश मंत्रालय के मुताबिक भारत की तत्कालिक चिंता पाक सेना की तरफ से बंदी बनाए गए भारतीय नौ सेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव को लेकर है। सेना की अपीलीय कोर्ट उनके आवदेन को ठुकरा चुकी है। अब उन्होंने सेना प्रमुख कमर बाजवा के पास गुहार लगाई है। वैसे इस मामले की सुनवाई अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में भी चल रही है, लेकिन पाक सेना का कोई भरोसा नहीं है। सेना के दबाव में ही शरीफ सरकार को पठानकोट हमले की जांच रिपोर्ट को दबाना पड़ा था।
पाकिस्तान के साथ रिश्तों को सुधारने की अगर कोई बची खुची उम्मीद थी तो अब उसके भी खत्म होने के आसार हैं। पठानकोट व उड़ी हमले के बाद दोनों देशों के रिश्तों में लगातार तल्खी बढ़ी है। भारत अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान के आतंकी चेहरे को बेनकाब करने की लगातार कोशिश कर रहा है, जबकि सीमा पार से भी कश्मीर में आतंक को बढ़ावा देने की हर मुमकिन कोशिश हो रही है। विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक, "भारत पाकिस्तान में जल्द ही एक मजबूत लोकतांत्रिक सरकार के गठन की उम्मीद करेगा। पाक सेना के साये में रिश्ते सुधारने की बात बेमानी है।"
भारत की तीन चिंताएं
1. मेजर कमर बाजवा की अगुआई में पाक सेना होगी और मजबूत
2. भारत विरोधी आतंकी संगठनों को मिल सकती है खुली छूट
3. कश्मीर में बढ़ सकता है पाक सेना का हस्तक्षेप
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