तंबाकू नियंत्रण में भारत वर्ल्ड लीडर
भारत द्वारा उठाए गए कदमों को ग्लोबल टोबैको एपिडिमिक -2017 की रिपोर्ट में सराहा गया...तंबाकू नियंत्रण में बेहतर प्रदर्शन वाले भारत के शहर।
नोेएडा (धर्मेन्द्र मिश्रा)। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने तंबाकू नियंत्रण में भारत को विश्व प्रणेता (वल्र्ड लीडर) बताया है। गत 19 जुलाई को न्यूयॉर्क में डब्ल्यूएचओ द्वारा जारी ‘ग्लोबल टोबैको एपिडिमिक-2017’ की रिपोर्ट में तंबाकू नियंत्रण के लिए भारत द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना की गई है।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में जारी ग्लोबल एडल्ट्स टोबैको सर्वे (गेट्स-2)-2017 की रिपोर्ट के अनुसार भारत में गत सात वर्षों में तंबाकू उपभोक्ताओं की संख्या 34.6 से घटकर 28.6 फीसद हो गई है। यानी छह फीसद तंबाकू उपभोक्ता कम हुए हैं। इसी रिपोर्ट के आधार पर डब्ल्यूएचओ ने ‘ग्लोबल टोबैको एपिडिमिक-2017’ की रिपोर्ट में भारत को विश्व प्रणेता माना है। आंकड़े बताते हैं कि भारत सरकार द्वारा जागरूकता बढ़ाने, तंबाकू उत्पादों के प्रचार-प्रसार पर रोक लगाने के बाद सात साल में 81 लाख उपभोक्ताओं ने तंबाकू से तौबा कर लिया।
भारत को विश्व प्रणेता का मिला दर्जा
प्रचार-प्रसार पर रोक लगाने के प्रयासों का नतीजा है कि भारत को विश्व प्रणेता का दर्जा मिला है। तंबाकू नियंत्रण में सख्ती बरतने के मामले में दुनिया के टॉप 100 शहरों की सूची में भी भारत के कई शहर शामिल हैं।
राष्ट्रीय स्तर पर चला जागरूकता कार्यक्रम
भारत ने राष्ट्रीय स्तर पर तंबाकू के खिलाफ जागरूकता कार्यक्रम चलाया। साथ ही तंबाकू छोड़ने वाले लोगों के लिए वर्ष 2016 में टोल फ्री नंबर जारी किया। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार दुनिया में होने वाली हर 10 मौत में से एक मौत तंबाकू के कारण ही होती है। करीब 70 लाख लोग दुनियाभर में प्रतिवर्ष तंबाकू के कारण ही मरते हैं। भारत के अलावा नेपाल, भूटान, बांग्लादेश व फिलीपींस ने भी तंबाकू नियंत्रण में लोहा मनवाया है।
ऐसे मिली कामयाबी
- तंबाकू के इस्तेमाल व रक्षात्मक नियमों की निगरानी रखकर
- धूमपान से लोगों को बचाकर
- तंबाकू छोड़ने के लिए सहायता देकर
- तंबाकू से खतरों के प्रति लोगों को आगाह करके
- तंबाकू उत्पादों के प्रचार, प्रमोशन व स्पॉन्सरशिप पर प्रतिबंध लगाकर
- तंबाकू उत्पादों पर टैक्स की दर बढ़ाकर
तंबाकू नियंत्रण में दुनिया के 100 शहरों में भारत की स्थिति
मुंबई (2), कोलकाता (5), दिल्ली (6), चेन्नई (23), हैदराबाद (26), बेंगलूरू (27), अहमदाबाद (36), पुणे (46), सूरत (58), कानपुर (66), जयपुर (83), लखनऊ (87), नागपुर (96) शामिल हैं।
भारत के लिए यह अच्छी खबर है, लेकिन जब तक सभी राज्यों में तंबाकू के खिलाफ बनाए नियमों का सख्ती से पालन नहीं होगा, तब तक तंबाकू नियंत्रण का मकसद अधूरा है। सभी को इसके लिए संवेदनशील होना होगा।
-डॉ. रवि मेहरोत्रा, निदेशक, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ कैंसर प्रिवेन्शन एंड रिसर्च, नोएडा।
34.6 से घटकर 28.6 फीसद हो गई है तंबाकू उपभोक्ताओं की संख्या
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