भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा इंटरनेट यूजर, जियो इन्फोकॉम ने दशा और दिशा बदल दी
इंटरनेट उपयोगकर्ताओं में 21 फीसद हिस्सेदारी के साथ चीन सबसे आगे है। अमेरिका में वैश्विक इंटरनेट उपयोगकर्ताओं का आधार आठ फीसद है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। मुकेश अंबानी नियंत्रित रिलायंस जियो इन्फोकॉम ने भारत में इंटरनेट प्रयोग की दशा और दिशा बदल दी है। इंटरनेट ट्रेंड्स पर वर्ष 2019 की मैरी मीकर रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन के बाद भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा इंटरनेट यूजर देश बन गया है। रिपोर्ट का कहना है कि रिलायंस जियो के प्रयासों के चलते भारत इंटरनेट उपयोगकर्ताओं में 12 फीसद तक का योगदान दे रहा है। अमेरिका से बाहर स्थित इंटरनेट कंपनियों में जियो सबसे इनोवेटिव इंटरनेट कंपनी बन गई है।
रिपोर्ट के मुताबिक इस वक्त 308 करोड़ लोग इंटरनेट का उपयोग कर रहे हैं, जो दुनिया की आधी से ज्यादा आबादी है। इंटरनेट उपयोगकर्ताओं में 21 फीसद हिस्सेदारी के साथ चीन सबसे आगे है। अमेरिका में वैश्विक इंटरनेट उपयोगकर्ताओं का आधार आठ फीसद है।
रिपोर्ट का कहना है कि इंटरनेट उपयोगकर्ता की वृद्धि दर में मजबूती, लेकिन रफ्तार धीमी है। पिछले वर्ष यह विकास दर छह फीसद, जबकि उससे पिछले वर्ष सात फीसद थी। रिपोर्ट के अनुसार 30.7 करोड़ मोबाइल फोन सर्विस ग्राहकों के साथ रिलायंस जियो ई-कॉमर्स के लिए ऑनलाइन पहुंच का विस्तार कर रही है।
रिपोर्ट में रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के चेयरमैन मुकेश अंबानी के हवाले से कहा गया है कि कंपनी रिलायंस रिटेल के फिजिकल मार्केटप्लेस को जियो के डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर और सर्विसेज के साथ एकीकृत कर एक हाइब्रिड, ऑनलाइन-टु-ऑफलाइन कॉमर्स प्लेटफॉर्म बना रही है।
यह प्लेटफॉर्म रिलायंस रिटेल स्टोर्स पर 35 करोड़ और 30.7 करोड़ जियो कनेक्टिविटी ग्राहकों समेत पूरे भारत में तीन करोड़ छोटे व्यापारियों को एक साथ लाएगा, जो देश के आखिरी कोने तक फिजिकल मार्केट कनेक्टिविटी प्रदान करेंगे।
जियो ने यह किया
रिपोर्ट का मानना है कि जियो की मुफ्त वॉयस कॉल और सस्ते डाटा प्लान ने एक साल में दो गुना डाटा उपयोग बढ़ने में मदद की है। रिपोर्ट ने भारत में इंटरनेट के नियमों को काफी संतुलित करार दिया गया है। हालांकि कई नियामक संस्थाएं इंटरनेट पहुंच को नियंत्रित करने का काम करती हैं। लेकिन यह नियंत्रण मुख्य तौर पर अपमानजनक सामग्री को हटाने तक सीमित रहा है।
गौरतलब है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज ने पिछले वर्ष हाइब्रिड ऑनलाइन-ऑफलाइन मॉडल के साथ ई-कॉमर्स सेग्मेंट में प्रवेश की घोषणा की। तब से कंपनी ने लॉजिस्टिक्स कंपनी ग्रैब, सॉफ्टवेयर फर्म सी-स्क्वॉयर, क्षेत्रीय भाषा सेवा प्रदाता प्लेटफॉर्म रिवेरा लैंग्वेज टेक्नोलॉजीज सहित कई कंपनियों का अधिग्रहण किया है।
रिपोर्ट के अनुसार जियो नेटवर्क का वार्षिक डाटा उपयोग 2018 में 17-18 एक्साबाइट्स (17-18 अरब जीबी) के बीच था, जो कि वित्त वर्ष 2017 में नौ एक्सबाइट्स डाटा उपयोग के मुकाबले दो गुना है। इसके अलावा, रिलायंस के ऑफलाइन स्टोर्स की संख्या भी करीब 11,000 है।
कंपनी की योजना अपने ई-कॉमर्स वेंचर के लिए 5,000 शहरों और कस्बों में स्थित 5,100 से अधिक जियो प्वाइंट स्टोर्स को डिलिवरी और कलेक्शन प्वाइंट के रूप में उपयोग करने की है। इसके साथ ही कंपनी भारत की 95 फीसद आबादी तक अपनी सीधी पहुंच बनाने की कोशिशों में जुटी है।
लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप