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भारत अपने पड़ोसियों के साथ रेल संपर्क बढ़ाने का इच्छुक

प्रभु ने कहा कि काठमांडू से दिल्ली और कोलकाता के बीच रेल संपर्क के लिए शीघ्र ही काम शुरू होगा। 'एशिया भविष्य में वैश्विक विकास का केंद्र बनने वाला है।

By Amit MishraEdited By: Published: Wed, 15 Mar 2017 09:00 PM (IST)Updated: Wed, 15 Mar 2017 09:42 PM (IST)
भारत अपने पड़ोसियों के साथ रेल संपर्क बढ़ाने का इच्छुक
भारत अपने पड़ोसियों के साथ रेल संपर्क बढ़ाने का इच्छुक

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। भारत अपने पड़ोसी देशों नेपाल, भूटान, म्यांमार और अफगानिस्तान के साथ रेल संपर्क स्थापित करने का इच्छुक है। रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने यह बात दक्षिण एवं पश्चिम एशिया में रेल संपर्क विषय पर आयोजित वैश्विक सम्मेलन में कही।

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एशिया व प्रशांत के लिए संयुक्त राष्ट्र आर्थिक एवं सामाजिक आयोग (एस्कैप) द्वारा आयोजित सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए प्रभु ने कहा कि काठमांडू से दिल्ली और कोलकाता के बीच रेल संपर्क के लिए शीघ्र ही काम शुरू होगा। 'एशिया भविष्य में वैश्विक विकास का केंद्र बनने वाला है। सबसे बड़ा महाद्वीप होने के नाते यह देखना काफी रोचक होगा कि क्षेत्र के सभी देश इस विकास में भागीदारी करते हैं।'

सम्मेलन का मकसद बांग्लादेश (ढाका) से भूटान, भारत, नेपाल, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, ईरान होते हुए टर्की (इस्तांबुल) तक व्यापारिक माल ढुलाई के लिए रेल संपर्क स्थापित करना है। परंतु प्रभु का कहना था कि इस संपर्क का लाभ तभी मिलेगा जब क्षेत्र के सभी देशों के बीच आर्थिक समृद्धि के प्रति राजनीतिक समझ विकसित हो। यदि हम इस विचार पर काम करते हैं तो इससे पूरे क्षेत्र को लाभ होगा।

ढाका के साथ हमारा रेल संपर्क पहले से है। इसे इस्तांबुल तक बढ़ाने के लिए हमें अंतरराष्ट्रीय समझौता करना होगा। रेल संपर्क और व्यापारिक एकीकरण से क्षेत्र का भारी आर्थिक विकास होगा। व्यापार नीति तथा निवेश जैसे अन्य तरीकों से बाजार का एकीकरण हो सकता है। परंतु जब तक आप भौतिक संपर्क स्थापित नहीं करते व्यापारिक संभावनाओं का वास्तविक विस्तार मुश्किल है।

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भारतीय रेल की योजना के बारे में चर्चा करते हुए प्रभु ने कहा कि हम अपने पड़ोसियों से शुरुआत करना चाहते हैं। जैसे कि नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, पाकिस्तान, अफगानिस्तान। हमने अपने सभी पड़ोसियों के साथ जुड़ने का निर्णय लिया है। कुछ के साथ हमारा रेल संपर्क पहले से है। जबकि बाकी के साथ रेल संपर्क के लिए हम काम करेंगे। सबसे पहले हम काठमांडू को दिल्ली और कोलकाता से जोड़ने के इच्छुक हैं। हम श्रीलंका में भी बड़े पैमाने पर कार्य कर रहे हैं। इस तरह एक दिन संपूर्ण विश्र्व रेल नेटवर्क से जुड़ जाएगा। इससे सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि होने के साथ गरीबी का खात्मा होगा।

पाकिस्तान के बारे में प्रभु का कहना था कि पाकिस्तान के साथ हमारी कनेक्टिविटी पहले से है। जबकि बांग्लादेश के साथ इसे और बढ़ाने के लिए तेजी से काम कर रहे हैं। म्यांमार में भी हम काम कर रहे हैं। इससे भारत और दक्षिण-पूर्व एशिया में रेल संपर्क की टूटी कडि़यां जुड़ जाएंगी। दो दिवसीय सम्मेलन में ढाका से इस्तांबुल के बीच रेल संपर्क स्थापित करने के तौरतरीकों पर विचार-विमर्श होगा।


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