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आंखों में चुभता हूं मैं क्योंकि 60 साल तक खाई मुफ्त की मलाई अब हुई बंदः मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में अगर कोई उम्मीद की किरण है तो वहभारत है और उनकी सरकार गरीब व गांवों की जिंदगी में आमूलचूल बदलाव लाने के लिए प्रतिबद्ध है। मोदी ने कांग्रेस पर भी निशाना साधा और कहा कि वे उनकी आंखों में

By Rajesh KumarEdited By: Published: Sat, 27 Feb 2016 08:32 PM (IST)Updated: Sun, 28 Feb 2016 09:36 AM (IST)
आंखों में चुभता हूं मैं क्योंकि 60 साल तक खाई मुफ्त की मलाई अब हुई बंदः मोदी

बेलागावी, (कर्नाटक)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में अगर कोई उम्मीद की किरण है तो वहभारत है और उनकी सरकार गरीब व गांवों की जिंदगी में आमूलचूल बदलाव लाने के लिए प्रतिबद्ध है। मोदी ने कांग्रेस पर भी निशाना साधा और कहा कि वे उनकी आंखों में चुभते हैं क्योंकि 60 साल तक उन्होंने मुफ्त की मलाई थी जिसे अब बंद कर दिया गया है। ये बातें उन्होंने एक किसान रैली को संबोधित करते हुए कहा।

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मोदी ने कहा कि विपक्ष अनेक मुद्दों को उठाता रहता है लेकिन जब से वह ‘प्रधान सेवक’ बने हैं उनकी सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार का एक भी आरोप नहीं लगा है।

पढ़ें: आज बरेली में किसानों से 'मन की बात' करेंगे प्रधानमंत्री मोदी

इस रैली का आयोजन किसानों तक पहुंचने की भारतीय जनता पार्टी की पहल के तहत किया गया। मोदी ने कहा,‘ आज इसबात पर सहमति है कि अगर वैश्विक अर्थव्यवस्था में उम्मीद की कोई किरण है, तो भारत है।’ इस बारे में उन्होंने विश्वबैंक वआईएमएफ सहित विभिन्न वैश्विक रेटिंग एजेंसियों की रेटिंग का हवाला दिया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि चाहे विश्व बैंक हो याआईएमएफ या विश्व की रेटिंग एजेंसी, ये सभी एक ही स्वर में कह रहे हैं कि अगर किसी एक देश को ‘उम्मीद की किरण कहाजा सकता है तो वह उम्मीद की किरण भारत है।’ उन्होंने कहा,‘ पूरी दुनिया में अर्थव्यवस्था में अस्थिरता है। यहां तक कि वेदेश जो खुद को विशेषज्ञ कहते हैं वे भी आर्थिक परेशानियों से गुजर रहे हैं।’ मोदी ने कहा कि नरमी के परेशान करने वाले माहौल की बजाय भारत तेजी से वृद्धि कर रहा है।

भ्रष्टाचार के मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जब उनकी सरकार सत्ता में आई तो देश भ्रष्टाचार से थक चुका था। उन्होंने कहा,‘ मैं 18महीने से प्रधान सेवक के रूप में आपकी सेवा में हूं। विपक्ष अनेक मुद्दों पर बोला लेकिन भ्रष्टाचार के किसी आरोप पर नहीं।’ उन्होंने कहा किजब उनकी सरकार सत्ता में आई तो सारा देश भ्रष्टाचार के मुद्दों से त्रस्त था।

उन्होंने कहा,‘ हवा से लेकर जमीन व जल तक केवल एक हीमुद्दा सुनाई दे रहा था और वह था भ्रष्टाचार, भ्रष्टाचार व केवल भ्रष्टाचार।’ मोदी ने कहा कि दुनिया की नजरों में भारत की साख नहीं रही थीऔर वह इस पर भरोसा करने को तैयार नहीं थी। भारत के सामने आर्थिक समस्याएं थीं तो भ्रष्टाचार देश को दीमक की तरह खाए जा रहाथा। निराशा का माहौल था। देश का विकास कृषि, विनिर्माण व सेवा क्षेत्र के तीन खंभों पर आधारित होने का ज्रिक करते हुए मोदी ने कहा,‘हमने इस पर ध्यान केंद्रित किया है कि हमारे गरीब व किसान कैसे संपन्न बने तथा अधिक रोजगार व उद्योग कैसे सृजित हों।’

उन्होंने कहा,‘ हमने कृषि में अनेक प्रयास किए हैं। परिणाम अब आ रहे हैं, हमारा ध्यान सिंचाई पर केंद्रित है। हमारे किसानों को पानी देकर देखिएकि वे क्या करिश्मा कर सकते हैं।’

प्रधानमंत्री मोदी ने जोर देकर कहा कि हमें नदियों को आपस में जोड़ने के बारे में सोचना होगा और जल प्रबंधन समय की मांग है। अपनी सरकारी की मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना का ज्रिक करते हुए मोदी ने कहा,‘ प्रति बूंद, अधिक फसल। सिंचाई की नयी प्रणालियां महत्वपूर्ण हैं और इन्होंने किसानों की बहुत मदद की है।

जल के साथ साथ साथ हमें किसान की जमीन का भी ध्यान करना होगा।’ मोदी ने अपने भाषणका एक बड़ा हिस्सा हाल ही में शुरू की गई बीमा योजना ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’ पर केंद्रित किया। उन्होंने कहा कि पहले वालीबीमा योजनाओं की कमियों को इसमें दूर कर दिया गया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि 100 में से केवल 20 लोग ही फसल बीमा का फायदा लेते हैं। उन्होंने किसानों से अपील की कि कम से कम 50प्रतिशत इसके लाभान्वित बनें। उन्होंने कहा,‘ तब आप देखेंगे कि सारे हालात ही बदल जाएंगे। उसके बाद 100 प्रतिशत तक पहुंचने मेंकोई देर नहीं लगेगी। जितना ज्यादा फसल बीमा को अपनाया जाएगा, उतना ज्यादा धन ही सरकारी खजाने से निकलेगा। इसके बाजवूदमैं चाहता हूं कि आप सभी फसल बीमा योजना से जुड़ें।’

मोदी ने कहा कि अगर सरकारी खजाना खाली हो तो भी वे चाहेंगे कि किसान इसयोजना से जुड़ें। ‘यह बताने के लिए मैं आपके द्वार पर आया हूं।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि वाजपेयी सरकार ने पहली बार फसल बीमा योजनाशुरू की थी लेकिन बाद की सरकारों के दौरान किसानों ने इस पर भरोसा करना बंद कर दिया।

मोदी ने कहा कि सरकार ने किसानों के विचार सुनने के बाद फसल बीमा योजना पेश की है जिसमें पहले की योजनाओं की कमियों को दूरकिया गया है।

उन्होंने कहा,‘ हम किसानों को जो भी धन देते हैं हम चाहते हैं कि वह सीधे उनके जनधन खातों में जाए. बिचौलिए कहीं नहीं हों। हमारा अबतक का रिकार्ड इसका सबूत है।.. हमारे भरत के किसान अगर किसी पर भरोसा कर सकते हैं तो वह हमारी सरकार है। हम गरीब व गांवों केजीवन में आमूल चूल बदलाव लाना चाहते हैं।’
यूरिया के मुद्दे पर मोदी ने कहा कि जब उनकी सरकार बनी तो राज्य इस मुद्दे पर केंद्र को लिखना पड़ता था लेकिन अब उन्हें ऐसा नहींकरना पड़ता। मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने उर्वरक की चोरी पर रोक लगाई है और नीम लेपित यूरिया की पहल की है जो कि अब तककेवल कागजों में थी।

प्रधानमंत्री ने कहा,‘ .. एक महत्वपूर्ण काम हमने यह किया है कि हमने यूरिया से जुड़े भ्रष्टाचार व कालाबाजारी पर रोक लगाई है।’ उन्होंनेकहा,‘ ये जो लोग मोदी के खिलाफ नारे लगाते हैं और चिंतित रहते हैं . मेरे खिलाफ उनके गुस्से की वजह यही है कि मैंने कालाबाजारी तथाभ्रष्टाचार को समाप्त कर दिया है।’

प्रधानमंत्री ने कहा,‘ मोदी उनकी आंखों में चुभते हैं क्योंकि 60 साल तक उन्होंने मुफ्त की मलाई खाईहुई थी जिसे अब बंद कर दिया गया है। यही कारण है।’ मोदी ने लोकसभा चुनावों से पहले के अपने इस वादे की याद दिलाई कि जब तक वेयहां हैं तब तक कोई दिल्ली के खजाने को छू नहीं सकेगा। उन्होंने कहा,‘ आज हम उर्वरकों में गड़बड़ियों को रोक पाए हैं और नीम लेपितयूरिया लाए हैं।’


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