चीन ने नेपाल के कई इलाकों की जमीनों पर किया कब्जा, ड्रैगन की इस हरकत पर भारतीय खुफिया एजेंसियां अलर्ट
दुनिया के कई देश चीन की आक्रामण और विस्तारवादी नीतियों से परेशान हैं। चीन ने अब नेपाल की सीमा से सटे सात जिलों के कई इलाकों पर अवैध कब्जा कर लिया है। चीन की हिमाकत को देखते हुए भारतीय खुफिया एजेंसियां अलर्ट हो गई हैं।
नई दिल्ली, आइएएनएस। पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर भारत के साथ आक्रामक रवैया अपनाने वाले चीन ने नेपाल की सीमा से सटे सात जिलों के कई इलाकों पर अवैध कब्जा कर लिया है। चीन की हिमाकत के बाद भारतीय खुफिया एजेंसियां (Indian intelligence agencies) अलर्ट हो गई हैं। एजेंसियों की मानें तो चीन अधिक से अधिक जमीन पर कब्जा करने की नीयत से नेपाल की सीमाओं की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा है।
एक आंतरिक खुफिया एजेंसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन की यह हरकत सीधे तौर पर नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी (Nepali Communist Party, NCP) के लिए बेहद नुकसानदायक साबित हो सकती है। असल में चीन नेपाल में भी चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (Chinese Communist Party, CCP) के विस्तारवादी एजेंडे को ढाल देने की कोशिशें कर रहा है। रिपोर्ट में चीन की इस कोशिशों पर चुप्पी साधने वाले नेपाल के सर्वेक्षण विभाग के बारे में भी बात की गई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन की नेपाल के जिन जिलों की जमीन हड़पने की योजना है उनमें दोलखा (Dolakha), गोरखा (Gorkha), दारचुला (Darchula), हुमला (Humla), सिंधुपालचौक (Sindhupalchowk), संखुवासभा (Sankhuwasabha) और रसुवा (Rasuwa) शामिल हैं। यही नहीं चीन नेपाल की ओर अंतर्राष्ट्रीय सीमा के भीतर दोलखा में 1,500 मीटर तक आगे बढ़ गया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, चीन के अतिक्रमण में दोलखा के कोरलंग क्षेत्र में सीमा स्तंभ संख्या 57 (boundary pillar Number 57) को धकेलना भी शामिल है। यह पहले कोरलंग के शीर्ष पर मौजूद था। दोलखा (Dolakha) की तरह ही चीन ने गोरखा जिले (Gorkha district) में सीमा स्तंभ संख्या 35, 37 और 38 के साथ ही सोलुखुम्बु (Solukhumbu) के नम्पा भंज्यांग (Nampa Bhanjyang) में सीमा स्तंभ संख्या 62 में भी अतिक्रमण की कोशिश की है।
समाचार एजेंसी आइएएनएस की मानें तो पहले तीन स्तंभ रुई गांव और टॉम नदी के क्षेत्रों में मौजूद थे। नेपाल का आधिकारिक मानचित्र रुई गांव को नेपाली क्षेत्र के हिस्से के रूप में दिखाता है। यही नहीं रुई गांव के लोग भी नेपाल सरकार को ही कर देते रहे हैं लेकिन चीन की चालबाजी देखिए कि उसने इस क्षेत्र पर कब्जा करके साल 2017 में इसे तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र ( Tibet Autonomous Region) साथ मिला दिया था।
रिपोर्ट में कहा गया है कि कई घर जो कभी नेपाल का हिस्सा हुआ करते थे अब चीन ने उन्हें अपने कब्जे में ले लिया है। हैरानी की बात यह है कि नेपाल का कृषि मंत्रालय (Nepal Ministry of Agriculture) ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की है जिसमें चीन के जमीन हड़पने के कई मामलों का खुलासा किया गया है। यही नहीं मंत्रालय ने चार नेपाली जिलों के तहत आने वाले कम से कम 11 जगहों पर नेपाली भूमि पर चीन के कब्जे के बारे में सूचना दी है।
नेपाल के लोगों के लिए दुख की बात यह है कि देश के कृषि मंत्रालय की रिपोर्ट में चीन की हड़प नीति का जिक्र होने के बावजूद प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने चुप्पी साध रखी है। वहीं खुफिया एजेंसियों के सूत्रों का कहना है कि नेपाल ने साल 2005 से ही चीन के साथ सीमा संबंधी मामले को उठाने से परहेज किया है। ऐसा लगता है कि नेपाल की सरकार चीन को अपनी जमीन वापस लेने से रोकना ही नहीं चाहती है...