'70 साल में पहली बार भारत की तरफ वैश्विक दृष्टि, लेकिन सुरक्षा का मुद्दा आज भी चिंता का विषय'
नई दिल्ली और डोकलाम के बीच समस्या के निपटारे पर चर्चा करते हुए भागवत ने कहा कि भारत आज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कूटनीति की नई ऊंचाइयों पर है।
नागपुर (आइएएनएस)। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने शनिवार को कहा कि 70 वर्षों में पहली बार भारत वैश्विक ध्यान केंद्रित कर रहा है लेकिन आज भी देश के लिए आंतरिक और बाह्य सुरक्षा एक चिंता का विषय है। आरएसएस प्रमुख पारंपरिक वार्षिक दशहरा उत्सव पर जनता को संबोधत कर रहे थे। कार्यक्रम में भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस भी उपस्थित थे।
नई दिल्ली और डोकलाम के बीच समस्या के निपटारे पर चर्चा करते हुए भागवत ने कहा कि भारत आज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कूटनीति की नई ऊंचाइयों पर है। जम्मू-कश्मीर में भी सत्तारूढ़ भाजपा सरकार सुरक्षा बलों को अपना कर्तव्य करने की अनुमति देकर घुसपैठियों को उचित जवाब दे रही है। "कुछ राष्ट्रविरोधी और जिहादी समूह राज्य और सीमा क्षेत्रों में अराजक स्थिति पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन पश्चिम बंगाल और केरल की परिस्थिति किसी से भी छिपी नहीं हैं।
भागवत ने कहा कि, अपने संकीर्ण राजनीतिक उद्देश्यों को हासिल करने के लिए वहां की सरकारें राष्ट्रविरोधी शक्तियों का समर्थन करती हैं। रोहिंग्या मुस्लिमों के बारे में भागवत ने कहा कि वे देश की सुरक्षा और अखंडता के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं और इसलिए देश के हित को ध्यान में रखते हुए उन पर कोई निर्णय लिया जाना चाहिए।
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