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भारत ने मालदीव को उपलब्ध कराया डोर्नियर विमान, समुद्री आतंकवादियों पर रख सकेगा नजर

भारत ने मालदीव को एक डोर्नियर विमान उपलब्ध कराया। सरकारी सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि इस विमान का परिचालन मालदीव नेशनल डिफेंस फोर्स (एमडीएनएफ) द्वारा किया जाएगा। डोर्नियर का और इसका परिचालन खर्च भारत द्वारा वहन किया जाएगा।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Wed, 30 Sep 2020 09:32 AM (IST)Updated: Wed, 30 Sep 2020 09:32 AM (IST)
भारत ने मालदीव को उपलब्ध कराया डोर्नियर विमान, समुद्री आतंकवादियों पर रख सकेगा नजर
भारत ने मालदीव को एक डोर्नियर विमान उपलब्ध कराया।

नई दिल्ली, प्रेट्र। भारत ने मालदीव को एक डोर्नियर विमान उपलब्ध कराया है। इससे द्वीप देश अपने विशेष आर्थिक क्षेत्र की निगरानी में मजबूती ला सकेगा और समुद्री आतंकवादियों पर नजर रख सकेगा। सरकारी सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि इस विमान का परिचालन मालदीव नेशनल डिफेंस फोर्स (एमडीएनएफ) द्वारा किया जाएगा। डोर्नियर का और इसका परिचालन खर्च भारत द्वारा वहन किया जाएगा। मालदीव के तत्कालीन राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन ने 2016 में अपनी भारत यात्रा के दौरान अपने देश के लिए डोर्नियर समुद्री निगरानी विमान की आवश्यकता जताई थी।

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सूत्रों ने बताया कि विमान के परिचालन के लिए भारतीय नौसेना मालदीव के पायलटों और निगरानी कíमयों तथा इंजीनियरों सहित सात सैन्यकर्मियों को प्रशिक्षण दे रही है। एक सूत्र ने कहा, 'विमान का इस्तेमाल मादक पदार्थो की तस्करी और अवैध रूप से मछली पकड़ने जैसी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए भी किया जाएगा। भारत मादक पदार्थ तस्करों की गतिविधियों के बारे में मालदीव के साथ नियमित तौर पर सूचना साझा करता रहा है।'

नवंबर 2018 में इब्राहीम मोहम्मद सालेह के राष्ट्रपति बनने के बाद भारत और मालदीव के संबंध फिर से पटरी पर आ गए थे। यामीन के शासनकाल के दौरान दोनों देशों के बीच संबंध बिगड़ गए थे, क्योंकि उन्हें चीन का करीबी माना जाता था।

मालदीव ने भारत को कहा- शुक्रिया !

मालदीव ने कोरोना महामारी के बीच उसको 250 मिलियन अमरीकी डालर की भारत की ओर से मदद को धन्यवाद किया है। मालदीव के विदेश मामलों के मंत्री अब्दुल्ला शाहिद ने कहा मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 75 वें सत्र की आम बहस के लिए अपने संबोधन में कहा कि मालदीव में हमारे मित्र, हमारे द्विपक्षीय और बहुपक्षीय साझेदारों के समर्थन के बिना, महामारी ने वैश्विक सहयोग के महत्व को भी उजागर किया है। मैं अपने सभी सहयोगियों का धन्यवाद करता हूं जिन्होंने इस संकट के दौरान उदारतापूर्वक वित्तीय, सामग्री और तकनीकी सहायता का विस्तार किया है, तब भी जब वे स्वयं चुनौतीपूर्ण समय से गुजर रहे हैं। ऐसा ही एक उदाहरण भारत है। हाल ही में 250 मिलियन अमरीकी डॉलर का बजट समर्थन, सबसे बड़ा था।


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