India Fights Coronavirus: कैनाइन डॉग्स करेंगे कोरोना वायरस से संक्रमित रोगियों की पहचान
कैनाइन डॉग्स का इस्तेमाल विस्फोटक और ड्रग्स की खोज करने में किया जाता है लेकिन कई देशों में यह कैंसर का पता लगाने में सफल रहे हैं।
नई दिल्ली, एएनआइ। कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की पहचान में डॉग्स एक अहम भूमिका निभा सकते हैं। ऐसा कहना है केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत स्निफर डॉग विभाग से जुड़े एक पशु चिकित्सक का। उनका मानना है कि कोविड-19 के रोगियों की जांच के लिए 'मेडिकल डिटेक्शन डॉग्स' का इस्तेमाल किया जा सकता है।
गृह मंत्रालय के पुलिस K9 सेल के सलाहकार निदेशक, कर्नल (डॉ) पीके चुग ने जोर देते हुए कहा कि दुनिया में तेजी से बढ़ते कोरोना वायरस के मरीजों कती स्क्रीनिंग के लिए 'मेडिकल डिटेक्शन डॉग' का इस्तेमाल किया जा सकता है। भारत में संक्रमित लोगों की संख्या 20 हजार के आंकड़े को पार कर गई है, जबकि वैश्विक स्तर पर मरीजों की संख्या 25 लाख के पार है।
कर्नल चुग ने एएनआइ को बताया कि 'मेडिकल डिटेक्शन डॉग' का मतलब कुत्तों द्वारा किसी मेडिकल बीमारी की पहचान करना है। उन्होंने कहा कि लोग जानते हैं कि कुत्ते विस्फोटक और ड्रग्स की खोज करने में माहिर होते हैं, लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि कुत्तों को कई अन्य चीजों में इस्तेमाल किया जाता है। इनमें से मेडिकल डिटेक्शन एक उभरता हुआ विषय है, जिस पर बहुत काम किया गया है। विदेशों में विभिन्न प्रकार के कैंसर का पता लगाने में इनका सफलतापूर्वक उपयोग किया गया है।
बता दें कि कर्नल चुग को पुलिस और सैन्य कुत्तों को प्रशिक्षण देने का 26 से अधिक वर्षों का अनुभव है। उन्होंने कहा कि बिमारी का पता लगने के लिए लार, रक्त और मूत्र के नमूने लिए जाते हैं। इन नमूनों के आधार पर कुत्ते पता लगाते हैं और बताते हैं कि यह पॉजिटिव है या नहीं।
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक देश में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 21 हजार 393 हो गई है। इनमें से 16 हजार 454 एक्टिव केस हैं, जबकि 4 हजार 257 लोग इलाज के बाद पूरी तरह ठीक हो चुके हैं। वहीं देश में घातक वायरस की वजह से 681 लोगों की अबतक जान जा चुकी है।