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भारत का पलटवार, अमेरिकी वस्तुओं पर लगाया 100 फीसद तक आयात शुल्क

भारत ने अमेरिका और अन्य विकसित देशों से आयातित होने वाले बादाम, अखरोट और प्रोटीन कंसंट्रेट पर आयात शुल्क 100 फीसद तक बढ़ा दिया है।

By Nancy BajpaiEdited By: Published: Fri, 25 May 2018 07:04 AM (IST)Updated: Fri, 25 May 2018 09:06 AM (IST)
भारत का पलटवार, अमेरिकी वस्तुओं पर लगाया 100 फीसद तक आयात शुल्क
भारत का पलटवार, अमेरिकी वस्तुओं पर लगाया 100 फीसद तक आयात शुल्क

नई दिल्ली (प्रेट्र)। भारतीय स्टील व एल्यूमीनियम उत्पादों पर शुल्क घटाने की मांग को अनसुना करने पर सरकार ने जवाबी कदम उठाया है। उसने अमेरिका और अन्य विकसित देशों से आयातित होने वाले बादाम, अखरोट और प्रोटीन कंसंट्रेट पर आयात शुल्क 100 फीसद तक बढ़ा दिया है। वित्त मंत्रालय ने कस्टम्स एक्ट के सेक्शन 8ए के तहत आयात शुल्क बढ़ाने के लिए आपातकालीन अधिकारों का इस्तेमाल किया है।

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केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआइसी) की अधिसूचना के अनुसार साबुत बादाम पर शुल्क 65 रुपये से बढ़ाकर 100 रुपये प्रति किलो किया गया है। प्रोटीन कंसंट्रेट पर अब 40 फीसद शुल्क लगेगा। इस पर अभी तक दस फीसद शुल्क लगता था। टेक्सचर्ड प्रोटीन सब्सटेंस पर शुल्क 30 फीसद से बढ़ाकर 40 फीसद किया गया है। सरकार ने पिछले सप्ताह विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में बताया था कि अगर अमेरिकी स्टील और एल्युमीनियम पर आयात शुल्क में वृद्धि वापस नहीं लेता है तो वह अमेरिका से आयातित बादाम, अखरोट, गेहूं, सेब और कुछ खास मोटरसाइकिलों समेत 20 उत्पादों पर 100 फीसद तक शुल्क बढ़ाएगा।

डिलॉय इंडिया के पार्टनर एम. एस. मणि ने कहा कि इन उत्पादों पर शुल्क में बढ़ोतरी कृषि उत्पादों समेत कई अन्य वस्तुओं पर पहले हुई शुल्क वृद्धि की निरंतरता में उठाया गया कदम है। इससे घरेलू उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा क्योंकि आयातित वस्तुएं महंगी पड़ेगी।

गेहूं के आयात पर शुल्क बढ़ाया

देश में सस्ते आयात को रोकने और मूल्य में गिरावट थामने के लिए सरकार ने गेहूं के आयात पर शुल्क बढ़ाकर 30 फीसद कर दिया है। अब तक इस पर 20 फीसद शुल्क लगता था। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआइसी) ने इसके संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है। सरकार ने गेहूं पर आयात शुल्क ऐसे समय में बढ़ाया है, जब देश में गेहूं का उत्पादन रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने का अनुमान है। अंतरराष्ट्रीय बाजार खासकर रूस से सस्ते गेहूं के आयात से घरेलू बाजार में मूल्य घटने की आशंका पैदा हो गई है। दुनिया के कई देशों में इस साल गेहूं का ज्यादा उत्पादन होने की संभावना है।


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