Move to Jagran APP

रिश्तों को सुधारने पर पीएम नरेंद्र मोदी की साफगोई का कायल हुआ चीन

डोकलाम की वजह से भारत और चीन के रिश्तों में जो भी तनाव घुला था वो वुहान के बाद काफी हद तक खत्म हो चुका है।

By Tilak RajEdited By: Published: Fri, 08 Jun 2018 08:18 PM (IST)Updated: Sat, 09 Jun 2018 06:51 AM (IST)
रिश्तों को सुधारने पर पीएम नरेंद्र मोदी की साफगोई का कायल हुआ चीन
रिश्तों को सुधारने पर पीएम नरेंद्र मोदी की साफगोई का कायल हुआ चीन

जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ अनौपचारिक वार्ता कर चीन के साथ आपसी रिश्तों में घुल रहे तनाव को खत्म करने की पीएम नरेंद्र मोदी की सोच सही दिशा में जाती दिख रही है। वुहान में हुई इस शिखर वार्ता का असर दोनों देशों के संबंधों पर पड़ने के साफ संकेत मिल रहे हैं। चीन की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआइ) परियोजना को लेकर भारत की जो चिंताएं थी चीन उसके समाधान पर भी पक्का आश्वासन दे रहा है। इस बारे में उच्च स्तर पर चीन ने भारत को सूचित किया है। विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक वुहान वार्ता के बाद भारत व चीन के विदेश मंत्रियों के बीच और विदेश सचिव विजय गोखले की उप-विदेश मंत्री कोंग शुआनयू के साथ दो अहम बैठकें हुई है और भारतीय पक्ष ने चीन के बदले रवैये को साफ तौर पर महसूस किया गया है।

loksabha election banner

उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक डोकलाम की वजह से द्विपक्षीय रिश्तों में जो भी तनाव घुला था वह वुहान के बाद काफी हद तक खत्म हो चुका है। यह वुहान के बाद चीन के प्रतिनिधिमंडल के साथ हुई मुलाकात में भी भारतीय पक्ष ने महसूस किया है। मोदी और चिनफिंग की तरफ से अपनी अपनी सेनाओं को रणनीतिक दिशानिर्देश (स्ट्रेटिजिक गाइडलाइंस) देने के बाद दोनों देशों की सेनाओं के बीच माहौल भी काफी सुधरा है। दोनों देशों की सेनाओं के बीच संपर्क बढ़ा है और यह कोशिश की जा रही है कि एक दूसरे की सीमा में जाने-अनजाने प्रवेश करने की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। पिछले दो वर्षो के दौरान भारत व चीन के रिश्तों में तनाव आने की एक बड़ी वजह चीन की सेना का भारतीय सीमा में अकारण प्रवेश रहा है।

सूत्रों के अलावा चार दिन पहले प्रीटोरिया (दक्षिण अफ्रीका) में विदेश मंत्री स्वराज के साथ मुलाकात में विदेश मंत्री वांग यी ने बताया कि वुहान के बाद द्विपक्षीय रिश्तों में आये सकारात्मक माहौल को आगे बढ़ाना है। जबकि मंगलवार को विदेश सचिव विजय गोखले को चीन के उप विदेश मंत्री शुआनयू ने बताया कि पीएम मोदी ने आपसी रिश्तों को मजबूत बनाने का जो एजेंडा दिया है उसके दूरगामी परिणाम होंगे। चीन की तरफ से इस बात के साफ संकेत दिए गए हैं कि अंतरराष्ट्रीय कनेक्टिविटी परियोजनाओं को लेकर भारत की तरफ से उठाए गए कई मुद्दों को वह साझा करता है। इस बारे में वुहान में मोदी व चिनफिंग की बातचीत हुई थी और शनिवार को जब शंघाई सहयोग संगठन के सम्मेलन के दौरान इन दोनों की द्विपक्षीय मुलाकात होगी तब भी यह मुद्दा उठेगा।

चीन की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआइ) परियोजना को लेकर भारत के रुख में भी नरमी आई है। अब भारत का ऐतराज समूचे बीआरआइ के बजाये इसके सिर्फ उस हिस्से को लेकर है जो पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से गुजर रहा है। मोदी और चिनफिंग के बीच अफगानिस्तान की विकास परियोजनाओं में साथ मिल कर हिस्सा लेने की तैयारी दोनों देशों के बीच बन रही सहमति का ही हिस्सा है। इसका प्रस्ताव चीन के राष्ट्रपति की तरफ से ही मोदी के समक्ष रखा गया था। भारत ने पहले से ही अफगानिस्तान के 31 प्रांतों में 116 छोटी परियोजनाओं को चिन्हित किया है, जिनमें से कुछ का काम चीन की मदद से पूरी की जा सकती है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.