India China Border Tension: पाकिस्तान समर्थित पत्थरबाजों की तरह चीनी सेना ने दिखाया व्यवहार
भले ही चीनी सेना खुद को पेशेवर बल होने का दावा करती है लेकिन हाल ही में भारतीय सेना के जवानों के साथ गतिरोध के दौरान उसने काफी गैर-पेशेवर रवैया दिखाया।
नई दिल्ली, एएनआइ। भले ही चीनी सेना खुद को पेशेवर बल होने का दावा करती है, लेकिन हाल ही में भारतीय सेना के जवानों के साथ गतिरोध के दौरान उसने काफी गैर-पेशेवर रवैया दिखाया। पांगोंग त्सो झील क्षेत्र में भारतीय सेना के साथ हालिया गतिरोध में चीनी सैनिकों ने भारतीय सुरक्षा बलों को निशाना बनाने के लिए डंड़े, कंटीले तारों और पत्थरों का इस्तेमाल किया। चीनी सैनिकों का व्यवहार पाकिस्तान समर्थित पत्थरबाजों की तरह रहा है, जो कश्मीर घाटी में भारतीय सुरक्षा बलों को निशाना बनाने के लिए पत्थर और डंड़े का इस्तेमाल करते हैं।
सूत्रों ने समाचार एजेंसी एएनआइ को बताया कि पांगोंग त्सो झील क्षेत्र में भारतीय सेना के साथ हालिया गतिरोध में डंड़े, कंटीले तारों और पत्थरों से लैस होकर आए थे। चीनी सैनिकों के पास संख्यात्मक लाभ था, लेकिन भारतीय सैनिकों के प्रति उनका व्यवहार काफी गैर-पेशेवर था। इसके विपरीत भारतीय सेना इस तरह की रणनीति का इस्तेमाल कभी नहीं किया। हालांकि, सालभर दोनों सेनाओं के बीच झड़प की मामूली घटनाएं होती रहती हैं।
1967 से क्षेत्र में गोलियां नहीं चली
भारतीय और चीनी दोनों सेनाएं लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के साथ सभी जगह राइफल से लैस हैं, लेकिन इस क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए 1967 से क्षेत्र में गोलियां नहीं चलाई गई हैं।
चीनी सैनिकों की गतिविधियां लगातार बढ़ रही
गौरतलब है कि लद्दाख के पूर्व में भारत व चीन की सेनाओं के बीच वर्ष 2017 में डोकलाम जैसे हालात हैं। दोनों देशों की सेनाएं कुछ सौ मीटर की दूरी पर तैनात हैं। जानकारी के अनुसार चीनी सैनिकों की गतिविधियां लगातार बढ़ रही हैं, तो भारत भी अपने सैनिक की संख्या बढ़ाने की तैयारी कर चुका है। कुछ हफ्ते पहले इस क्षेत्र में जहां कुछ सौ चीनी सैनिक होते थे अब उनकी संख्या हजारों में बताई जा रही है। भारत भी इसी अनुरूप अपने सैनिकों की संख्या बढ़ा रहा है। भारत चीन से सटे अपने हिस्से में ढांचागत विकास का काम भी तेज कर चुका है। सैन्य सूत्रों ने स्वीकार किया है कि चीन की सेना की तरफ से टेंट लगाने के जो फोटो सोशल मीडिया में आए हैं वे भारतीय जमीन पर लगाए गए है।
दोनों देशों की सेनाओं के बीच अलिखित समझौते का चीन ने किया उल्लंघन
पूर्वी लद्दाख की वास्तविक नियंत्रण रेखा को लेकर अभी तक जो दोनों देशों की सेनाओं के बीच अलिखित समझौता था, चीन उसका साफ-साफ उल्लंघन कर रहा है। पूर्व में भी गर्मियों में चीन की सेना ने इस क्षेत्र में घुसपैठ की है लेकिन यह पहला मौका है जब उसकी तरफ से एक साथ कई बड़े टेंट लगाये गए हैं। भारी मशीनरी का इस्तेमाल किया गया है। इसके अलावा गलवां नाला एरिया में भी चीनी सैनिकों ने डेरा डाला हुआ है। नए टेंट अभी तक लगाये जा रहे हैं। चीन की तरफ से स़़डक का निर्माण भी किया जा रहा है। भारत की तरफ से इन गतिविधियों के बारे में जो स्थापित चैनल हैं उसके जरिए शिकायत दर्ज कराई गई है लेकिन अभी तक कोई असर होता नहीं दिख रहा है।
भारतीय सेना ने अपनी सतर्कता बढ़ाई
चीन की इन हरकतों को देखते हुए भारतीय पोस्ट केएम 120 के पास भारतीय सेना ने अभी तमाम साजो-समान वहां पहुंचा दिए हैं। वास्तविक नियंत्रण रेखा से जु़ड़े उत्तराखंड व हिमाचल प्रदेश से जु़ड़े इलाकों में भी भारतीय सेना ने अपनी सतर्कता बढ़ा दी है।