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India China Border Tension: भारत ने बनाया दबाव, कहा- टकराव वाले सभी इलाकों से पूरी तरह से अपने सैनिक हटाए चीन

भारतीय पक्ष ने फिंगर इलाके से लेकर टकराव वाले सभी क्षेत्रों से चीनी सैनिकों की पूर्ण वापसी और पूर्वी लद्दाख के सभी क्षेत्रों में पांच मई से पहले वाली स्थिति की बहाली पर जोर दिया।

By TaniskEdited By: Published: Sun, 02 Aug 2020 09:01 AM (IST)Updated: Mon, 03 Aug 2020 09:04 AM (IST)
India China Border Tension: भारत ने बनाया दबाव, कहा- टकराव वाले सभी इलाकों से पूरी तरह से अपने सैनिक हटाए चीन
India China Border Tension: भारत ने बनाया दबाव, कहा- टकराव वाले सभी इलाकों से पूरी तरह से अपने सैनिक हटाए चीन

नई दिल्ली, प्रेट्र। पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनाव कम करने के लिए रविवार को भारतीय और चीनी सेना के शीर्ष कमांडरों के बीच पांचवें दौर की बातचीत हुई। तकरीबन 11 घंटे तक चली बातचीत के दौरान भारत ने पैंगोंग सो और टकराव वाले अन्य क्षेत्रों से जल्द से जल्द चीनी सैनिकों की पूरी तरह से वापसी को लेकर दबाव बनाया। घटनाक्रम से परिचित सूत्रों ने यह जानकारी दी।

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सूत्रों ने बताया कि यह बैठक एलएसी पर चीन की तरफ माल्डो में सुबह 11 बजे शुरू हुई और रात 10 बजे के बाद तक जारी रही। भारतीय दल का नेतृत्व लेह स्थित 14वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने किया। जबकि, चीनी दल का नेतृत्व दक्षिण शिंजियांग सैन्य क्षेत्र के कमांडर मेजर जनरल लिउ लीन कर रहे थे।

सूत्रों ने बताया कि बातचीत में भारतीय पक्ष ने पैंगोंग सो के फिंगर इलाके से लेकर टकराव वाले सभी क्षेत्रों से चीनी सैनिकों की यथाशीघ्र पूर्ण वापसी और पूर्वी लद्दाख के सभी क्षेत्रों में पांच मई से पहले वाली स्थिति की बहाली पर जोर दिया। पांच मई को दोनों तरफ के सैनिकों के बीच पैंगोंग शो में संघर्ष शुरू हुआ था। कोर कमांडर स्तर की पिछली वार्ता 14 जुलाई को हुई थी, जो करीब 15 घंटे तक चली थी। उस समय भी भारतीय पक्ष ने पीएलए को स्पष्ट तौर पर बता दिया था कि उसे पूर्वी लद्दाख में पहले की स्थिति बरकरार रखना होगा और शांति बहाल करने के लिए सीमा प्रबंधन के संबंध में उन सभी प्रोटोकॉल का पालन करना होगा, जिनपर परस्पर सहमति बनी है।

पिछली वार्ता के बाद चीनी सेना गलवन घाटी और टकराव वाले कुछ क्षेत्रों से पीछे भी हटी थी। लेकिन भारतीय सेना की मांग के मुताबिक पैंगोंग शो में फिंगर क्षेत्र से नहीं हटी थी। भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि चीन को फिंगर चार और फिंगर आठ के बीच से अपने सैनिकों को हटाना ही होगा। हालांकि, इस बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया था। इस क्षेत्र में फिंगर इलाके के साथ ही पेट्रोलिंग प्वाइंट 14, 15, 17 और 17ए को लेकर टकराव है। चीन के साथ सैन्य और राजनयिक स्तर की बातचीत के साथ ही भारत पूर्वी लद्दाख के सभी प्रमुख मोर्चो पर अपनी सैन्य ताकत को मजबूत भी कर रहा है, ताकि चीन के किसी भी तरह के दुस्साहस का माकूल जवाब दिया जा सके।

इस इलाके में लंबे समय तक बने रहने के लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। इसके लिए सर्दी से बचाने वाले टेंट व अन्य साजो सामान जुटाए जा रही हैं। सीमा विवाद को सुलझाने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीन के विदेश मंत्री के बीच भी बातचीत हो चुकी है। गौरतलब है कि 15 जून को गलवन घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद स्थिति बिगड़ गई थी, जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। चीनी पक्ष के सैनिक भी हताहत हुए थे लेकिन इस बारे में चीन द्वारा अब तक कोई ब्योरा उपलब्ध नहीं कराया गया है। अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, चीन के 35 सैनिक हताहत हुए थे।

एससीओ बैठक में शामिल होने की भारत ने नहीं की पुष्टि

नई दिल्ली, एएनआइ। रूस ने 10 सितंबर को मास्को में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की बैठक का प्रस्ताव रखा है। इसमें पाकिस्तान और चीन भी शामिल होंगे। लेकिन भारत ने अभी इस बैठक में शामिल होने की पुष्टि नहीं की है।अगर भारत बैठक में शामिल होता है तो यह पहला मौका होगा जब एलएसी पर तनाव के बाद भारत के साथ ही पाकिस्तान और चीन के विदेश मंत्री आमने-सामने होंगे। राजनयिक सूत्रों के मुताबिक रूस ने उसी दिन ब्रिक्स के विदेश मंत्रियों की बैठक आयोजित करने का प्रस्ताव किया है।


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