गलवन घाटी की हिंसक झड़प में कोई जवान गायब नहीं, भारतीय सेना ने रिपोर्ट को किया खारिज
गलवन घाटी में चीनी सैनिकों की सहमति के मुद्दे से पलटने के बाद सोमवार रात को दोनों देशों की सेनाओं के बीच पत्थरबाजी और लाठी-डंडे से जबरदस्त झड़प हुई थी।
नर्इ दिल्ली, एएनआइ। पूर्वी लद्दाख की गलवन घाटी में सोमवार रात को हुई हिंसक झड़प के बाद भारतीय सैनिकों के लापता होने की रिपोर्ट का भारत ने खारिज किया है। भारतीय सेना ने कहा है कि गलवन घाटी में भारत-चीन के बीच हिंसक झड़प में भारतीय सेना का कोई भी जवान लापता नहीं है। 17 जून को अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स में इन चाइना- इंडिया क्लैश, टू नेशनलिस्ट लीडर विद लिटिल रूम टू गिव के लेख में गलवन घाटी में भारतीय सैनिकों के लापता होने का जिक्र था, जिसे भारत ने खंडन किया है। सोमवार रात को हुई इस घटना में भारतीय सेना के 20 सैन्य कर्मी शहीद हुए हैं। 4 भारतीय सैनिक अभी भी गंभीर रूप से घायल हैं। जवाबी हमले में चीन के भी 43 सैनिकों के मारे जाने या घायल होने की खबर है। अभी चीन के सूत्रों ने यह स्पष्ट नहीं किया है।
This is with reference to the article 'In China-India Clash, Two Nationalist Leaders with Little Room to Give' by New York Times dated 17 June 2020. It is clarified that there are no Indian troops Missing In Action: Indian Army pic.twitter.com/6lNdz9HFrn
— ANI (@ANI) June 18, 2020
गलवन घाटी में चीनी सैनिकों की सहमति के मुद्दे से पलटने के बाद दोनों देशों की सेनाओं के बीच छह से सात घंटे तक पत्थरबाजी और लाठी-डंडे से जबरदस्त झड़प हुई। शहीद और घायल हुए सैनिक बिहारी रेंजीमेंट के हैं। तेलंगाना निवासी शहीद कर्नल संतोष बाबू भारतीय टुकड़ी का नेतृत्व कर रहे थे। चीन ने अपने मारे गए सैनिकों की संख्या को लेकर अब भी चुप्पी साध रखी है। वहीं अपने हताहत सैनिकों को ले जाने के लिए चीन के के हेलीकॉप्टर एलएसी पर मंडराते रहे।
सोमवार रात को ऐसे हुआ घटनाक्रम
सैन्य सूत्रों के अनुसार सोमवार रात गलवन घाटी में झड़प की शुरुआत चीनी सैनिकों के रुख बदलने से हुई। मोर्चे पर दोनों सेनाओं के बीच बनी सहमति के अनुरूप चीनी सैनिक गलवन घाटी से निकलने पर राजी हो गए, लेकिन कुछ ही देर बाद पलट कर भारतीय सैनिकों पर पत्थरों से हमला करने लगे। भारतीय सैनिक शांत थे लेकिन चीनी सैनिकों के आक्रामक रवैये ने हालात बिगाड़ दिया। शुरुआत में भारतीय सैनिकों की आपत्ति पर चीनी सैनिकों की छोटी टुकड़ी वहां से पीछे चली गई थी लेकिन थोड़ी देर में सुरक्षा उपकरण पहने हुए और पत्थरों से लैस चीनी सैनिक बड़ी संख्या में वापस आ गए। वापस आते ही उन्होंने निहत्थे भारतीय सैनिकों पर पत्थर, लोहे की रॉड और कंटीली तारों से हमला करना शुरू कर दिया।
छह से सात घंटे तक चली थी झड़प
यहां करीब 120 भारतीय सैनिकों को चीन की सेना ने चालबाजी से घेर लिया था। संख्या के हिसाब से चीनी सैनिक पांच गुना थे। हालात भांपते ही भारतीय सैनिकों ने मुंहतोड़ जवाब दिया। यह टकराव करीब छह से सात घंटे चला था। बताया जा रहा है कि चीन की सेना ने हमले से पहले ड्रोन की मदद से थर्मल इमेजिंग करते हुए भारतीय सैनिकों की उपस्थिति का पता लगाया था। अचानक हुए हमले में भारतीय बटालियन की कमान संभाल रहे कर्नल संतोष बाबू और दो जवान गंभीर रूप से जख्मी होकर गिर गए।
साथ में रहे भारतीय सैनिकों ने इसी अंदाज में जवाबी प्रहार करते हुए चीनी सैनिकों पर धावा बोल दिया। पत्थरबाजी और लाठी-डंडे के अलावा दोनों देशों के सैनिक हाथ-पैर से भी कई घंटों तक एक दूसरे से संघर्ष करते रहे। इस दौरान तापमान शून्य से नीचे पहुंच गया था। ठंड से कई घायल सैनिकों की हालत बिगड़ गई। भारतीय सेना की ओर से गलवन घाटी में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के साथ हुई झड़प में पहले एक कर्नल और दो जवानों के शहीद होने की जानकारी दी गई थी। बाद में 17 घायल जवानों की मृत्यु होने पर 20 जवानों के शहीद होने की पुष्टि की गई।