in-depth: 827 साइट्स को सरकार ने किया ब्लॉक, इन देशों में है ज्यादा लोकप्रिय
दुनियाभर में तुलना करें तो भारत पॉर्न देखने के मामले में तीसरा सबसे बड़ा देश है। साल 2014 तक भारत पांचवे पायदान पर था।
नई दिल्ली [ जागरण स्पेशल ]। देश में 827 पॉर्न वेबसाइटों को ब्लॉक कर दिया गया है। अब इन साइटों को आप नहीं देख सकेंगे। दूरसंचार विभाग ने देश में इंटरनेट सेवा उपलब्ध करवाने वाले तमाम सर्विस प्रोवाइडर्स के आदेश के बाद कंपनियों ने यह कदम उठाया है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि किन देशों में यह साइट सर्वाधिक देखी जाती है। इसके साथ यह भी जानेंगे कि देश में इसके लिए क्या कानून है।
भारत पोर्न देखने के मामले में तीसरा सबसे बड़ा देश
अमेरिका के बाद दुनिया के दूसरे सबसे ज्यादा इंटरनेट यूजर्स भारत में हैं। हालांकि पॉर्न वेबसाइट विजिट करने वालों के आंकड़ों का सही अंदाजा नहीं है। लेकिन दुनियाभर में पॉर्न सामग्री उपलब्ध करवाने वाली जानी मानी वेबसाइट पॉर्नहब के एक सर्वे में यह खुलासा हुआ है था कि वर्ष 2017 में भारत में पॉर्न वीडियो देखने में 75 फीसद की वृद्धि हुई है। दुनियाभर में तुलना करें तो भारत पॉर्न देखने के मामले में तीसरा सबसे बड़ा देश है। साल 2014 तक भारत पांचवे पायदान पर था। इस वेबसाइट पर आने वाले पूरे ट्रैफिक में से 40 फीसद ट्रैफिक यानि 14200 करोड़ पेज विजिट केवल अमेरिका से आ रहा था।
पॉर्न वेबसाइट सर्च में अरब देश आगे
2015 में गूगल ने सबसे ज्यादा पॉर्न खोजने वाले मुल्कों की सूची जारी की थी। इन देशों में पाकिस्तान अग्रणी था। गूगल की इस खाेज में इंटरनेट पर पॉर्न सर्च करने वाले देशों में टॉप आठ में से छह मुस्लिम देश हैं। इनमें से पॉर्न सर्च के मामले में दूसरे नंबर पर मिस्र है। ईरान, मोरक्को, सऊदी अरब और टर्की क्रमश: चौथे, पांचवे, सातवें और आठवें नंबर पर हैं। लेबनान और टर्की को छोड़ दें तो कई अरब देशों में अपने यहां पॉर्न साइट पर प्रतिबंध लगा रखा है।
देश में पॉर्न पर क्या है क़ानून
सवाल यह है कि भारत में पोर्न को नियंत्रित करने के लिए कोई ख़ास उपबंध या कानून है। फ़िलहाल भारत में पोर्न को नियंत्रित करने के लिए कोई खास उपबंध या नियम नहीं है। हालांकि, देश में कुछ कानून हैं जिसके तहत पाेर्नोग्राफी पर भी नियंत्रण लगाया जा सकता है। दरअसल, सूचना प्रोद्योगिकी क़ानून के तहत किसी भी तरह की अश्लील सामग्री को प्रकाशित-ट्रांसमीशन को प्रकाशित करना या ऐसा करने में सहायता करना ग़ैरक़ानूनी है। इसके तहत दोषी को पांच साल की सज़ा और तीन लाख रुपए का ज़ुर्माना है।
अदालत के फैसले के बाद उठे कदम
पोर्न वेबसाइटों को बंद करने के उत्तराखंड उच्च न्यायालय के फैसले के बाद दूरसंचार विभाग ने यह कदम उठाया है। दरअसल, दुष्कर्म के एक मामले की जिरह के दौरान अभियुक्त की बात सुनकर जज भी हतप्रभ रह गए। सुनवाई के दौरान अभियुक्त ने कहा कि उसने पोर्न वीडियो देखने के बाद पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया। इसके बाद कोर्ट ने दूरसंचार विभाग को यह निर्देश जारी किया कि पॉर्न वबसाइटों को ब्लॉक किया जाए। हालांकि, 2015 में भी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद लगभग 850 पोर्न वेबसाइटों ब्लॉक किया था। पांच अगस्त को ही डिपार्टमेंट ऑफ टेलिकॉम के आदेश पर पॉर्न पर लगा यह प्रतिबंध हटा लिया गया था। माना जा रहा था कि टेलिकॉम कंपनियों ने वेबसाइट के बैन होने से रेवेन्यू के नुकसान की शिकायत की थी। एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 70 फीसदी तक इंटरनेट ट्रैफिक पॉर्न वेबसाइट्स से आता है।