India biggest franchise: सुप्रीम कोर्ट ने गृह मंत्रालय, वित्त मंत्रालय, सीबीआई, ईडी को भेजा नोटिस
याचिकाकर्ताओं ने मामले की जांच सीबीआई ईडी और एसएफआईओ या एक विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा कराने की मांग की थी जिसमें वेस्टलैंड ट्रेड प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों और लाभार्थियों द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग और काले धन की जमाखोरी शामिल थी।
नई दिल्ली, एएनआइ। सुप्रीम कोर्ट ने कथित फ्रेंचाइजी घोटाले को लेकर दायर कई याचिकाओँ पर सुनवाई की। कोर्ट ने सीबीआई, ईडी, के अलावा दिल्ली, गुरुग्राम और नोएडा के पुलिस आयुक्त को नोटिस जारी किया है। इसमें वेस्टलैंड ट्रेड प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों और लाभार्थियों पर मनी लॉन्ड्रिंग और काले धन की जमाखोरी का आरोप है।
भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) शरद अरविंद बोबड़े की अध्यक्षता वाली शीर्ष अदालत की एक पीठ ने सभी जवाबदाताओं को नोटिस जारी किया। जिसमें केंद्रीय गृह मंत्रालय, केंद्रीय वित्त मंत्रालय, केंद्रीय जांच ब्यूरो, प्रवर्तन निदेशालय, गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय भी शामिल हैं। याचिकाकर्ताओं ने मामले की जांच सीबीआई, ईडी और एसएफआईओ या एक विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा कराने की मांग की थी, जिसमें वेस्टलैंड ट्रेड प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों और लाभार्थियों द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग और काले धन की जमाखोरी शामिल थी।
वकील गोपाल शंकरनारायण, अश्विनी कुमार उपाध्याय, अश्विनी कुमार दुबे और अन्य द्वारा पेश किए गए लगभग 38 याचिकाकर्ताओं के एक समूह द्वारा दायर की गई दलीलों में दावा किया गया है कि वेस्टलैंड ट्रेड लिमिटेड द्वारा उन्हें धोखा दिया गया। सयाचिका में कहा गया है कि कंपनी ने कई राज्यों में अपने फ्रेंचाइजी स्टोर चलाने के लिए पैसे लिए और लगभग 500 निवेशकों को धोखा दिया।
बता दें कि 38 व्यक्तियों द्वारा दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि वेस्टलैंड ट्रेड प्राइवेट लिमिटेड ने उन्हें धोखा दिया है, जिसने हाइपर सुपरमार्केट, हाइपर मार्ट आदि के नाम से कंपनियां बनाई थी। याचिका में आरोप लगाया गया है कि कंपनी ने तीन लाख रुपये की फ्रैंचाइज फीस एकत्र की और कुछ भुगतान का आश्वासन दिया। हालांकि, कंपनी ने लॉकडाउन के दौरान भुगतान नहीं किया।
याचिका में आरोप लगाया गया है कि कंपनी ने बेईमानी कर उन्हें उनकी गाढ़ी कमाई देने के लिए प्रेरित किया। गौरतलब है कि ‘फ्रेंचाइजी धोखाधड़ी’ के सिलसिले में उत्तर प्रदेश के नोएडा में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया था। दरअसल, दर्जनों लोगों से कथित तौर पर 30 करोड़ रुपये की ठगी की गई थी।