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छह परमाणु पनडुब्बियां बनाने की परियोजना पर काम शुरू

नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा ने शुक्रवार को यहां वार्षिक संवाददाता सम्मेलन में इस महत्वाकांक्षी परियोजना के शुरू होने की पुष्टि की।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Fri, 01 Dec 2017 09:48 PM (IST)Updated: Fri, 01 Dec 2017 09:48 PM (IST)
छह परमाणु पनडुब्बियां बनाने की परियोजना पर काम शुरू
छह परमाणु पनडुब्बियां बनाने की परियोजना पर काम शुरू

नई दिल्ली, प्रेट्र। इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन की बढ़ती आक्रामक गतिविधियों के मद्देनजर भारत ने नौसैनिक बेड़े को अत्याधुनिक बनाने तथा परमाणु शक्ति संपन्न करने के लिए छह और परमाणु पनडुब्बी बनाने पर काम शुरू कर दिया है। नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा ने शुक्रवार को यहां वार्षिक संवाददाता सम्मेलन में इस महत्वाकांक्षी परियोजना के शुरू होने की पुष्टि की। साथ ही संकेत दिए कि नौसेना, भारत, अमेरिका, आस्ट्रेलिया और जापान के बीच प्रस्तावित चतुर्भुज गठबंधन में बड़ी भूमिका निभाने को तैयार है।

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नौसेना दिवस की पूर्व संध्या पर एडमिरल लांबा ने कई पनडुब्बियों, युद्धपोतों और हथियार प्रणालियों को हासिल करने सहित नौसेना के समक्ष खड़े कई चुनौतीपूर्ण मुद्दों का जिक्र किया। उन्होंने कहा, नौसेना क्षेत्र में किसी भी पारंपरिक और गैर पारंपरिक चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार है।

परियोजना को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा, 'परियोजना शुरू की गई है और मैं इसे उस पर छोड़ता हूं। यह एक गोपनीय परियोजना है। प्रक्रिया शुरू हो गई है। मैं इस पर और अधिक टिप्पणी नहीं करूंगा।'

भारत के आसपास समुद्री क्षेत्र में दिखते सुरक्षा परिदृश्य पर एडमिरल लांबा बोले, हिद महासागर क्षेत्र में समुद्री डकैती रोधी अभियानों के नाम पर चीन का पनडुब्बियां तैनात करना अजीब है। भारतीय नौसेना इसे अपने लिए एक खतरा मानती है। उन्होंने कहा, 'हम सभी अपने समुद्री क्षेत्र के मौजूदा सुरक्षा परिदृश्य से अवगत हैं। समुद्री क्षेत्र में पारंपरिक और गैर पारंपरिक चुनौतियों को देखते हुए स्थिति पर निरंतर नजर बनाए रखने तथा उससे निपटने के लिए कदम उठाने की जरूरत है।'

उन्होंने पाकिस्तान में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण ग्वादर बंदरगाह में चीनी युद्धपोतों की तैनाती को लेकर संभावित सुरक्षा चुनौतियों के बारे में भी बात की। कहा, यह एक सुरक्षा चुनौती होगी। हमें इस पर ध्यान देना और गंभीरता से काम करना होगा।

महत्वपूर्ण समुद्री मार्गो में भारतीय नौसेना की उपस्थिति का विस्तार करने के बारे में एडमिरल लांबा ने कहा, अंडमान सागर, मलक्का जलडमरूमध्य, ओमान की खाड़ी, फारस की खाड़ी, उत्तरी अरब, सुंडा तथा लंबोक में इसकी तैनाती धीरे-धीरे बढ़ाई जा रही है।

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