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यूएई के साथ रक्षा, व्यापार और सामुद्रिक क्षेत्र तक 14 समझौतों पर लगी मुहर

अबु धाबी के क्राउन प्रिंस नाह्यान से मुलाकात के दौरान पीएम ने कहा दोनों देश मिलकर दुनिया को दिशा दे सकते हैं।

By Monika minalEdited By: Published: Wed, 25 Jan 2017 10:38 AM (IST)Updated: Wed, 25 Jan 2017 09:29 PM (IST)
यूएई के साथ रक्षा, व्यापार और सामुद्रिक क्षेत्र तक 14 समझौतों पर लगी मुहर
यूएई के साथ रक्षा, व्यापार और सामुद्रिक क्षेत्र तक 14 समझौतों पर लगी मुहर

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। खाड़ी के देशों के साथ अपने द्विपक्षीय रिश्तों को नए सिरे से लिखने में जुटी भारत सरकार की कोशिशों का असर दिखने लगा है। संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के क्राउन प्रिंस की अगुवाई में यूएई और भारत के बीच जो समझौते हुए हैं उससे साफ है कि अब दोनों देश रणनीतिक व आर्थिक दृष्टिकोण से एक मजबूत साझेदार बनेंगे।

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अबु धाबी के क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान इस बार गणतंत्र दिवस पर देश के राजकीय मेहमान हैं। बुधवार को उनके और पीएम नरेंद्र मोदी के बीच द्विपक्षीय वार्ता के बाद 14 समझौतों पर हस्ताक्षर किये गये। इसमें रक्षा, सुरक्षा से लेकर व्यापार और सामुद्रिक क्षेत्र तक शामिल हैं। माना जाता है कि यूएई की सरकार ने इस तरह का समझौता बहुत ही कम देशों के साथ किया है।

वैसे बुधवार को द्विपक्षीय शिखर वार्ता के बाद जो समझौते किये गये हैं उनमें यूएई की तरफ से भारत में किये जाने वाले 75 अरब डालर के निवेश से संबंधित कोई समझौता नहीं है। इस बारे में सहमति मोदी की यूएई यात्रा के दौरान बनी थी। विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने एक दिन पहले ही कहा था कि इस बार निवेश समझौता हो जाएगा।

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लेकिन विदेश मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि यूएई अपने वादे के मुताबिक 75 अरब डॉलर भारत के ढांचागत क्षेत्र में लगाने को तैयार है लेकिन अभी तक उन परियोजनाओं का फैसला नहीं हो सका है जहां यह निवेश होगा। इस बारे में दोनों पक्षों के बीच बातचीत चल रही है। वैसे यूएई अभी भी भारत में निवेश करने वाला 10वां सबसे बड़ा राष्ट्र है।

बैठक के बाद साझा बयान जारी करते हुए मोदी ने कहा कि, ''हमने दोनों देशों के बीच के रणनीतिक रिश्ते को ज्यादा उद्देश्यपूर्ण बनाने और कार्यान्वयन आधारित बनाने के लिए एक रोडमैप तैयार किया है। अभी जो समझौते किये जा रहे हैं वे इस रोडमैप पर आगे कदम बढ़ाने में मदद करेंगे। रक्षा व सुरक्षा क्षेत्र में सहयोग स्थापित होने के बाद द्विपक्षीय रिश्ते में और विस्तार हो गया है।

उन्होंने कहा कि ये समझौते सिर्फ इन दोनों देशों के लिए नहीं बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।'' इसमें रक्षा उपकरणों के निमार्ण के लिए किया गया समझौता भी शामिल है। इससे भारत को अपने रक्षा उपकरणों के लिए एक अहम बाजार भी मिलेगा तो साथ ही अपनी सुरक्षा को नई धार देने में जुटे यूएई को पड़ोस से ही विश्वस्तरीय रक्षा उपकरण मिलने का रास्ता साफ होगा।

क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद ने भारत के साथ यूएई के रिश्ते को खास बताते हुए कहा कि दोनों देश एशिया और मध्य पूर्व के इलाके में शांति लाने के लिए काम करेंगे। उन्होंने भारत की तरफ से खाड़ी के देशों के साथ गहरे रिश्ते बनाने की नई कोशिशों की खास तौर पर तारीफ की। मोदी और शेख मोहम्मद के बीच एक घंटे तक व्यक्तिगत वार्ता भी हुई जो बताता है कि दोनों के बीच एक व्यक्तिगत तालमेल बन रहा है।

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बहरहाल, दोनों नेताओं के बीच आतंकवाद और धार्मिक कट्टरता रोकने में एक दूसरे की मदद करने पर भी बात हुई है। सनद रहे कि यूएई अपने आस पास के देशों में हक्कानी नेटवर्क, आइएसआइएस जैसे आतंकी संगठनों के बढ़ते प्रभाव से काफी चिंतित है। यह एक अहम वजह है कि वह भारत के करीब आने की कोशिश कर रहा है।

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