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क्या आइएसआइएस के खिलाफ हाथ मिलाएंगे भारत व पाक?

क्या भारत अंतत: आतंकवादी संगठन आइएसआइएस के खिलाफ पड़ोसी पाकिस्तान के साथ मिल कर अभियान चलाएगा? अभी इस सवाल का सीधा जबाव तो देना मुश्किल है लेकिन यह पहली बार है कि भारत ने पाकिस्तान के साथ मिल कर यह स्वीकार किया है कि आइएसआइएस दोनों देशों के लिए एक

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Tue, 08 Dec 2015 08:29 PM (IST)Updated: Tue, 08 Dec 2015 08:37 PM (IST)
क्या आइएसआइएस के खिलाफ हाथ मिलाएंगे भारत व पाक?

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। क्या भारत अंतत: आतंकवादी संगठन आइएसआइएस के खिलाफ पड़ोसी पाकिस्तान के साथ मिल कर अभियान चलाएगा? अभी इस सवाल का सीधा जबाव तो देना मुश्किल है लेकिन यह पहली बार है कि भारत ने पाकिस्तान के साथ मिल कर यह स्वीकार किया है कि आइएसआइएस दोनों देशों के लिए एक बड़ा खतरा है। अगर ऐसा नहीं होता तो दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक में यह मुद्दा नहीं उठा होता। जानकारों के मुताबिक शुरुआती बातचीत के बावजूद अभी किसी प्रकार के संयुक्त अभियान की उम्मीद नहीं करनी चाहिए।

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आंतक पर भारत और पाकिस्तान के बीच अभी तक जितनी बैठकें हुई हैं उनमें आम तौर पर आरोप प्रत्यारोप का ही दौर चला है। बैंकाक में भारतीय एनएसए अजीत डोभाल और पाक एनएसए नासीर जांजुआ के बीच बैठक में पहली बार आतंक के खिलाफ सहयोग को लेकर बात हुई है। वैसे दोनों देशों की सरकारें इस बारे में चुप्पी साधे हुए हैं। सूत्रों की मानें तो अभी सिर्फ अनौपचारिक बातचीत हुई है। दोनो देश मानते हैं कि आइएसआइएस पूरी दुनिया के साथ ही दक्षिण एशिया के लिए भी एक संभावी खतरा है। हालांकि अभी यह कहना बहुत जल्दबाजी होगी कि भारत और पाकिस्तान इसके खिलाफ संयुक्त अभियान चलाएंगे। हालांकि सूचनाओं के आदान प्रदान को लेकर सहयोग का रास्ता निकाला जा सकता है। लेकिन इस बारे में स्थिति अगली एनएसए स्तरीय बातचीत के बाद ही स्पष्ट होगी। जाहिर है कि दोनों देशों की सरकारों को इस बारे में राजनीतिक सहमति भी हासिल करनी पड़ेगी। भारत पाक के द्विपक्षीय रिश्तों के राजनीतिक पहलू को देखते हुए यह आसान नहीं होगा।

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हाल के दिनों में पेरिस, लंदन मेट्रो और अमेरिका के सेंट जोंस में हुए वारदातों ने जिस तरह से आइएसआइएस का एक बेहद खौफनाक चेहरा सामने लाया है उससे भारत की सुरक्षा एजेंसियों के माथे पर बल और गहरे हो गये हैं। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आइएसआइएस के बढ़ते खतरे से निपटने की तैयारियों की लगातार समीक्षा करते हैं। हालांकि वह यह भी सार्वजनिक तौर पर कह चुके हैं कि भारत पर इसका कोई खास खतरा नहीं है। उधर पाकिस्तान के विदेश सचिव एजाज अहमद चौधरी ने हाल ही में आइएसआइएस को अपने देश के लिए एक गंभीर खतरा बताया है।

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