Move to Jagran APP

फिर ठंडे बस्ते में जाएगी भारत-पाक वार्ता! लगातार रंग बदल रहे हैं शरीफ

पीएम नवाज शरीफ कश्मीर मुद्दे पर कुछ ज्यादा ही आक्रामकता दिखा रहे हैं। इससे दोनों देशों के बीच वार्ता शुरु करने की उम्मीद पूरी तरह से खत्म होती नजर आ रही है।

By Gunateet OjhaEdited By: Published: Fri, 15 Jul 2016 10:10 PM (IST)Updated: Fri, 15 Jul 2016 10:16 PM (IST)
फिर ठंडे बस्ते में जाएगी भारत-पाक वार्ता! लगातार रंग बदल रहे हैं शरीफ

जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच इतिहास कुछ ज्यादा तेज गति से अपने आपको दोहराता है। पहले वाजपेयी सरकार, फिर मनमोहन सिंह की यूपीए सरकार और अब मोदी सरकार। वाजपेयी और मनमोहन सिंह के बाद पीएम नरेंद्र मोदी की राजग सरकार को यह महसूस होने लगा है कि पाकिस्तान के साथ हर मसले को आपसी बातचीत से सुलझाने की कोशिश बहुत असर नहीं दिखाती। पाकिस्तान सरकार वहां की सेना के हाथ की कठपुतली भर है। यह एक वजह है कि पीएम नवाज शरीफ कश्मीर मुद्दे पर कुछ ज्यादा ही आक्रामकता दिखा रहे हैं। इससे दोनों देशों के बीच वार्ता शुरु करने की उम्मीद पूरी तरह से खत्म होती नजर आ रही है।

loksabha election banner

पठानकोट हमले के बाद ही भारत ने पाक से वार्ता को लेकर मोदी सरकार संशकित हो चुकी थी लेकिन अब वह पूरी तरह से मानने लगी है पाकिस्तान के साथ बातचीत किसी मुकाम पर पहुंचाना मुश्किल है। खास तौर पर जिस तरह से पीएम नवाज शरीफ ने रंग बदला है और कश्मीर को हवा देने में जुटे हैं उससे भारतीय पक्ष यह मानने लगा है कि वह भारत के साथ अपने रिश्तों को सुधारने को लेकर कतई गंभीर नहीं है। विदेश मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक पूर्व मनमोहन सिंह की सरकार ने मुंबई हमले को भूलते हुए वर्ष 2010 में तत्कालीन पीएम युसूफ रजा गिलानी से द्विपक्षीय वार्ता की शुरुआत की लेकिन जल्द ही यह अहसास हो गया कि वहां लोकतांत्रिक सरकार सेना की हाथ की कठपुतली बन चुकी है। वार्ता की गति धीमी हो गई और व्यापार आदि को लेकर जो बातें हुई भी उसका कोई नतीजा नहीं निकला।

उसके बाद पीएम मोदी ने ही द्विपक्षीय वार्ता शुरु करने की कोशिश की। मोदी ने शरीफ के साथ व्यक्तिगत रिश्ते कायम करने की भी कोशिश की लेकिन अब पाक में स्थिति एक बार फिर पुरानी पटरी पर लौटती दिख रही है। शरीफ लगातार कमजोर हो रहे हैं और सेना प्रमुख राहील शरीफ की पकड़ मजबूत होती जा रही है। मोदी ने पिछले दिनों एक टीवी चैनल के साथ साक्षात्कार में इस बात के संकेत भी दिए कि उनके सामने समस्या यह है कि पाकिस्तान में किससे बात की जाए। शरीफ भी शुरुआती गर्मजोशी दिखाने के बाद अब लगता है कि पाक सेना के दबाव में झुकने लगे हैं। पठानकोट हमले की जांच में भी उन्होंने शुरुआत में मदद करने की बात कही लेकिन अब वह कोई मदद नहीं कर रहे।

RBI के पूर्व गवर्नर का आरोप, कामकाज में दखल देते थे चिदंबरम और प्रणब

कांग्रेस ने उठाए पीएम पर सवाल तो वेंकैया नायडू ने किया पलटवार


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.