भारत और पाकिस्तान ने नागरिक कैदियों और मछुआरों की सूची का किया आदान-प्रदान
भारत और पाकिस्तान ने बुधवार को 2008 के समझौते के अनुसार नागरिक कैदियों और मछुआरों की सूची आदान-प्रदान किया।
नई दिल्ली, पीटीआइ। भारत और पाकिस्तान ने बुधवार को 2008 के समझौते के अनुसार नागरिक कैदियों और मछुआरों की सूची आदान-प्रदान किया। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि भारत ने अपनी हिरासत में 265 पाकिस्तानी नागरिक कैदियों और 97 मछुआरों की सूची को पाकिस्तान को सौंप दिया। मंत्रालय ने कहा कि इसी तरह पाकिस्तान ने अपनी हिरासत में 54 नागरिक कैदियों और 270 मछुआरों की सूची साझा की है, जो भारतीय है या माने जाते हैं कि वे भारतीय हैं।
मंत्रालय ने आगे कहा कि इस संदर्भ में, पाकिस्तान को सात भारतीय नागरिक कैदियों और 106 भारतीय मछुआरों की रिहा करने और उन्हें भारत को सौंपने में तेजी लाने के लिए कहा गया, जिनकी राष्ट्रीयता की पुष्टि की गई है और पाकिस्तान को सूचित किया गया है। साथ ही पाकिस्तान को भारतीय मछुआरों और भारतीय नागरिक माने जाने वाले 18 लोगों को तत्काल काउंसलर एक्सेस प्रदान करने के लिए भी कहा गया है।
संयुक्त न्यायिक समिति की प्रारंभिक यात्रा का आयोजन करे पाकिस्तान
सरकार ने पाकिस्तान से यह भी मांग की है कि वह चिकित्सा विशेषज्ञों की टीम के सदस्यों को वीजा देने में तेजी लाए और विभिन्न पाकिस्तानी जेलों में बंद भारतीय माने जा रहे कैदियों की मानसिक स्थिति का आकलन करने के लिए देश में उनकी यात्रा की सुविधा प्रदान करे। भारत सरकार ने पाकिस्तान से यह भी मांग की है कि वह देश की संयुक्त न्यायिक समिति की प्रारंभिक यात्रा का आयोजन करे और भारतीय मछुआरों की नावों की रिहाई और प्रत्यावर्तन के सिलसिले में चार सदस्यीय टीम की जल्द कराची की यात्रा का आयोजन करे।
हर साल 1 जनवरी और 1 जुलाई को सूचियों का आदान-प्रदान किया जाता है
भारत प्राथमिकता के आधार पर, सभी मानवीय मामलों को संबोधित करने के लिए प्रतिबद्ध है, जो एक दूसरे के देश में कैदियों और मछुआरों से संबंधित हैं। भारत ने पाकिस्तान से यह भी आग्रह किया है कि वह मछुआरों सहित 88 पाकिस्तानी कैदियों की राष्ट्रीयता की स्थिति की पुष्टि करने के लिए आवश्यक कार्रवाई में तेजी लाए, जिनका प्रत्यावर्तन पाकिस्तान द्वारा राष्ट्रीयता की पुष्टि के लिए लंबित है। भारत और पाकिस्तान ने 2008 के समझौते के प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए कैदियों की सूची का आदान-प्रदान किया। इसके तहत हर साल 1 जनवरी और 1 जुलाई को ऐसी सूचियों का आदान-प्रदान किया जाता है।