बैक चैनल से लगातार संपर्क में है भारत-पाक, एनएसए स्तर की वार्ता की चर्चा !
अगर चुप्पी को समर्थन माना जाए तो पिछले मंगलवार (26 दिसंबर, 2017) को बैंकाक में भारत के एनएसए अजीत डोभाल और पाकिस्तान के एनएसए नासिर खान जांजुआ के बीच एक गुप्त मुलाकात हुई है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अगर चुप्पी को समर्थन माना जाए तो पिछले मंगलवार (26 दिसंबर, 2017) को बैंकाक में भारत के एनएसए अजीत डोभाल और पाकिस्तान के एनएसए नासिर खान जांजुआ के बीच एक गुप्त मुलाकात हुई है। इसकी खबर रविवार को देश के एक बड़े राष्ट्रीय समाचार पत्र में छापे जाने के बाद देर रात तक विदेश मंत्रालय की तरफ से कोई टिप्पणी नहीं की गई। सरकार ने इस रिपोर्ट को न तो सही ठहराया है और न ही गलत। जानकार मान रहे हैं कि पिछले दो वर्षो से लगातार तनावपूर्ण स्थिति के बावजूद भारत और पाकिस्तान के बीच बैक चैनल से बातचीत जारी है और एनएसए के बीच यह भेंट उसी क्रम में हुई है।
समाचार पत्र में छपी खबर के मुताबिक, ''25 दिसंबर, 2017 को इस्लामाबाद में पाकिस्तान में फांसी सजा प्राप्त भारतीय नौ सेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव की मां और पत्नी की विवादास्पद बैठक हुई है और इसके एक दिन बाद हो जांजुआ और डोभाल की थाईलैंड की राजधानी में बैठक हुई है। इस बैठक की तारीख पहले ही तय थी और इसका कुलभूषण जाधव के परिवार के मुलाकात से उपजे विवाद से कुछ लेना देना नहीं था। यह बैठक दोनों देशों के विदेश मंत्रालय की सहमति से हुई है। डोभाल से मिलने के बाद ही जांजुआ ने गुरुवार को पाकिस्तान के पूर्व पीएम नवाज शरीफ से मुलाकात की। पाकिस्तान में अभी शरीफ की पार्टी पीएमएल-एन की ही सरकार है। पाकिस्तान के समाचार पत्रों ने जांजुआ और शरीफ की मुलाकात के बाद यह खबर प्रकाशित की थी कि इसमें पूर्व पीएम ने भारत समेत तमाम पड़ोसी देशों के साथ बेहतर रिश्ते बनाने की बात कही थी।''
इस बारे में दैनिक जागरण की तरफ से विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों से उनका वक्तव्य लेने की कोशिश की गई लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। विदेश मंत्रालय की इस चुप्पी के पीछे एक वजह संसद का सत्र भी हो सकता है। जब संसद का सत्र चल रहा हो तो सरकार इतनी अहम घोषणा उससे अलग नहीं कर सकती है। ऐसे में अगर यह मुलाकात हुई है तो सरकार इसके बारे में मंगलवार को संसद के दौरान जानकारी दे सकती है।
भारत और पाकिस्तान के बीच कूटनीतिक स्तर पर इस तरह की गोपनीय बैठक पहली बार नहीं हुई है। सबसे पहले वर्ष 2015 में सार्क देशों की शीर्ष बैठक के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी और पीएम नवाज शरीफ के बीच एक गोपनीय बैठक किये जाने का खुलासा किया गया था। इसके बाद अमृतसर में दिसंबर, 2016 के दौरान हार्ट ऑफ एशिया के दौरान एनएसए डोभाल और पाकिस्तान के पीएम के विदेश मामलों में सलाहकार सरताज अजीत के बीच मुलाकात होने के कयास लगाये गये थे।
इन दोनों का सरकार की तरफ से कभी अनुमोदन नहीं किया गया। इस मुलाकात से पहले दोनो एनएसए की अगुवाई में वर्ष 2015 में भी बैंकाक में मुलाकात हुई थी। तब दोनों देशों के विदेश सचिव भी साथ थे। इसके बारे में तब आधिकारिक बयान दिया गया था। उसके बाद ही विदेश मंत्री स्वराज ने पाकिस्तान का दौरा किया और वहां उनकी द्विपक्षीय बातचीत हुई। फिर 25 दिसंबर, 2015 को पीएम नरेंद्र मोदी ने लाहौर में शरीफ के जन्मदिन पर पहुंचे थे। माहौल सुधर ही रहे थे कि 31 दिसंबर, 2015 को पठानकोट हमला हो गया। उसके बाद दोनो देशों के रिश्ते पटरी से उतर गये थे।
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