जल-थल की निगरानी के लिए भारत और यूरोप में समझौता
सूचनाओं और तस्वीरों के इस आदान-प्रदान से समुद्री आवागमन और सीमाओं के बाहर की स्थितियों के बारे में जानकारियों का विकास होगा।
नई दिल्ली, (आइएएनएस)। अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत और यूरोप के बीच सहयोग बढ़ाने के लिए सोमवार को महत्वपूर्ण समझौता किया गया। इस समझौते के तहत दोनों पक्ष सैटेलाइट डाटा को साझा करेंगे। बेंगलुरु में भारत की ओर से भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के सचिव पीजी दिवाकर और यूरोपीय कमीशन की ओर से वहां की अंतरिक्ष नीति और रक्षा मामलों के निदेशक फिलिप ब्रूनेट ने समझौते पर हस्ताक्षर किए।
यूरोपीय कमीशन यूरोपीय यूनियन के अंतर्गत आने वाले देशों की ओर से अंतरिक्ष मामलों का संचालन करता है। यूरोपीय यूनियन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि सूचनाओं और तस्वीरों के इस आदान-प्रदान से समुद्री आवागमन और सीमाओं के बाहर की स्थितियों के बारे में जानकारियों का विकास होगा। समझौते से मौसम के बदलाव, भू स्थिति, महासागर की गतिविधियों और पर्यावरण के हालात बेहतर तरीके से जानने में मदद मिलेगी। इससे संयुक्त राष्ट्र के सुरक्षात्मक उपायों को बढ़ावा मिलेगा।
इसकी पूर्ण, स्वतंत्र और खुली डेटा नीति ने यूरोप और उसके बाद के देशों में एक संपन्न उपयोगकर्ता आधार के विकास की अनुमति देकर अपनी योग्यता साबित कर दी है। दूसरी तरफ, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने एक महत्वाकांक्षी और व्यापक श्रेणी के अवलोकन कार्यक्रम का विकास किया है।