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India China Tension: भारत और चीन अपने सैनिकों को पीछे हटाने के लिए प्रतिबद्ध

भारतीय सेना ने कहा है कि लद्दाख में स्थिति सुधारने के लिए भारत-चीन में सैन्य और कूटनीतिक वार्ता जारी है।

By Manish PandeyEdited By: Published: Thu, 16 Jul 2020 01:41 PM (IST)Updated: Thu, 16 Jul 2020 01:41 PM (IST)
India China Tension: भारत और चीन अपने सैनिकों को पीछे हटाने के लिए प्रतिबद्ध
India China Tension: भारत और चीन अपने सैनिकों को पीछे हटाने के लिए प्रतिबद्ध

नई दिल्ली, एएनआइ। वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर मौजूदा तनाव को कम करने के लिए भारत और चीन के बीच सैन्य और कूटनीतिक वार्ता जारी है। भारतीय सेना की तरफ से कहा गया है कि दोनों देश अपने सैनिकों को पीछे हटाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह प्रक्रिया जटिल है और इसके लिए निरंतर बातचीत की आवश्यकता है। भारत इसे राजनयिक और सैन्य स्तर पर नियमित बैठकों के माध्यम से आगे ले जा रहा है।

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पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर तनाव कम करने के लिए दोनों देशों के सैन्य कोर कमांडरों के स्तर पर हुई चौथे दौर की मैराथन बैठक में दोनों देशों ने प्रतिबद्धता जताई। सेना ने कहा कि भारतीय और चीनी सेना के वरिष्ठ कमांडरों ने पहले चरण के तहत प्रगति की समीक्षा की और क्षेत्र में सैनिकों की पूर्ण वापसी सुनिश्चित करने के लिए और कदमों पर चर्चा की। इस दौरान भारत ने साफ कर दिया है कि 5 मई से पूर्व की यथास्थिति बहाल हुए बिना एलएसी पर सामान्य हालत की बहाली संभव नहीं है।

कोर कमांडरों की यह वार्ता पूर्वी लद्दाख में भारत के चुशूल सेक्टर में 11 सुबह शुरू हुई जो रात दो बजे तक चली। इस दौरान दौरान सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया के तौर-तरीकों पर चर्चा की गई। भारतीय सेना ने एक बयान में कहा कि दोनों पक्ष सैनिको को पीछे हटाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व लेह स्थित 14 कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने किया था, जबकि चीनी पक्ष का नेतृत्व दक्षिण शिनजियांग सैन्य क्षेत्र के कमांडर मेजर जनरल लियु लिन ने किया था।

बता दें कि सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग के बीच बातचीत के बाद फिंगर चार, हॉट स्पि्रंग और गलवन घाटी से चीनी सैनिक पीछे हटे। भारतीय सैनिक भी इन इलाकों से इसी अनुपात में पीछे हटे हैं। दोनों सेनाओं के बीच करीब चार किलोमीटर का बफर जोन बना है।


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