दोनों देशों के तनाव के बीच चीन का रुख हुआ नरम, कहा- विदेश मंत्रियों की बातचीत से ही निकलेगा समाधान
चीनी राजदूत ने कहा कि विदेश मंत्री वांग यी और भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर के बीच बनी सहमति पर अगर दोनों पक्षों कायम रहे तो समाधान निकल सकता है।
नई दिल्ली, एएनआइ। भारत और चीन के बीच इन दिनों एलएसी पर तनाव का माहौल है। दोनों ही देशों के बीच सैन्य स्तर से लेकर राजनीतिक स्तर पर वार्ता चल रही है। वहीं, दिल्ली स्थित चीन के राजदूत सुन वीडोंग ने कहा कि विदेश मंत्री वांग यी और भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर के बीच बनी सहमति पर अगर दोनों पक्षों कायम रहे और बातचीत करते रहे तो अभी की मुश्किलों का समाधान निकल सकता है।
वीडोंग ने कुछ भारतीय मीडिया की रिपोर्टो के आधार पर यह साबित करने की भी कोशिश की है कि भारतीय सेना की तरफ से एलएसी का अतिक्रमण किया गया है। यही नहीं पिछले दिनों पैंगोंग झील के दक्षिणी इलाके में हुई गोली चलने की पूरी जिम्मेदारी भी भारतीय सेना के जवानों पर डाल दी है।
मॉस्को में हुई थी दोनों विदेश मंत्रियों की बात
एलएसी पर तनाव के बीच गुरुवार को मॉस्को में भारत और चीन के विदेश मंत्रियों के बीच करीब ढाई घंटे बातचीत हुई थी। विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री वांग यी मॉस्को में शंघाई सहयोग संगठन (CSO) के विदेश मंत्रियों के सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंचे थे। विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि बातचीत में जयशंकर ने भारत के इस मत को मजबूती से सामने रखा कि एलएसी पर अमन व शांति के बिना द्विपक्षीय संबंध मजबूत नहीं हो सकते।
मई, 2020 में चीनी सैनिकों के वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) का अतिक्रमण किए जाने के बाद जयशंकर व वांग यी के बीच यह पहली मुलाकात थी। मॉस्को में हुई मुलाकात के बारे में देर रात तक दोनों पक्षों की तरफ से कोई बयान जारी नहीं किया गया। इससे यह संकेत मिलता है कि बातचीत का कोई सकारात्मक निष्कर्ष नहीं निकला। पिछले हफ्ते दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों की भी मॉस्को में इसी हालात में बातचीत हुई थी और उसके बारे में भी आधिकारिक तौर पर बहुत देर बाद सूचना दी गई थी।