भारत-चीन रक्षा सहयोग बढ़ाने को राजी
पर्रिकर और चीनी जनरल फैन के नेतृत्व में सहमति, रक्षा मंत्री पर्रिकर को मिला चीन दौरे का न्योता।
नई दिल्ली। भारत और चीन ने द्विपक्षीय रक्षा संबंध मजबूत करने का फैसला लिया है। साथ ही वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर शांति और स्थिरता बनाए रखने पर भी सहमति जताई है। दोनों देशों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर समेत आतंकवाद के खिलाफ सहयोग बढ़ाने के लिए भी प्रतिबद्ध हैं।
दिल्ली के साउथ ब्लाक में दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडल ने बैठक करके यह निर्णय लिया है। भारतीय दल का नेतृत्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने किया। वहीं, चीनी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व जनरल फैन चैंगलोंग ने किया। इस दल में चीन का शक्तिशाली सेंट्रल मिलेट्री कमिशन (सीएमसी) के उपाध्यक्ष भी शामिल हुए। हाल के सालों में भारत आने वाला यह चीन का सबसे उच्चस्तरीय रक्षा दल है।
रक्षा मंत्रालय की ओर से देर रात जारी वक्तव्य के अनुसार मनोहर पर्रिकर और चीनी जनरल फैन ने पेरिस में हाल में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की। दोनों देशों ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई जारी रखने पर सहमति जताई। पर्रिकर ने संयुक्त सैन्य अभ्यास का प्रस्ताव देकर आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारतीय विशेषज्ञता को भी साझा करने का न्योता दिया।
बयान में कहा गया कि चीन के इस दौरे से दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग के आसार बढ़े हैं। दोनों पक्ष भारत और चीन सीमा पर शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच हुई सहमति को अमल में लाने पर सहमत हो गए हैं। जनरल फैन और पर्रिकर विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंध और सुगढ़ करने के लिए भारत-चीन सीमा पर शांति कायम रखने को भी राजी हैं।
दोनों देशों ने माना कि उन पर शांति बहाल रखने की बड़ी जिम्मेदारी है। रक्षा क्षेत्र में आदान-प्रदान बढ़ाने के लिए भारतीय पक्ष ने लैंझुओ क्षेत्र के सैन्य कमांडर को अगले साल भारत आमंत्रित किया है। जनरल फैन ने भी पर्रिकर को चीन आने का न्योता दिया है। पर्रिकर ने चीन का न्योता स्वीकार किया। लेकिन इस अहम चीन दौरे की तारीख राजनयिक स्तर पर तय की जाएगी।