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खत्‍म होगा भारत-चीन विवाद, पैगोंग झील इलाके से वापसी को तैयार है दोनों देशों की सेना

चीन भारत के बीच जारी तनाव को लेकर संभावना जताई जा रही है कि विवाद जल्‍द समाप्‍त हो सकता है क्‍योंकि पूर्वी लद्दाख में तैनात दोनों देशों की सेना वहां से वापसी के लिए तैयार हो गई है।

By Monika MinalEdited By: Published: Wed, 11 Nov 2020 03:08 PM (IST)Updated: Wed, 11 Nov 2020 03:08 PM (IST)
खत्‍म होगा भारत-चीन विवाद, पैगोंग झील इलाके से वापसी को तैयार है दोनों देशों की सेना
... तीन चरणों में LAC से हटेगी दोनों देशों की सेना, खत्‍म होगा विवाद

नई दिल्‍ली, एएनआइ। भारत-चीन के बीच जारी तनाव और विवाद अब समाप्‍त होने के संकेत मिलने शुरू हो गए हैं। दरअसल, दोनों देशों की सेना पूर्वी लद्दाख से वापसी को लेकर तैयार है। ऐसा कहा गया है कि इस साल अप्रैल-मई से पहले सेना की तैनाती जहां थी वे वापस वहीं चले जाएंगे। 6 नवंबर को चुशुल (Chushul) में हुई 8वें कमांडर स्‍तरीय वार्ता के दौरान सेना को हटाने को लेकर दोनों पक्षों के बीच बातचीत की गई थी।

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सेना की वापसी तीन चरणों में कराई जाएगी जो एक सप्‍ताह तक चलेगी। इस वार्ता में बनाई गई योजना के तहत तीन चरणों में पैंगोंग झील इलाके को पहले हफ्ते में खाली किया जाएगा और तमाम टैंक और सैनिकों को वापस भेजा जाएगा। चरणबद्ध तरीके से दोनों देशों के बीच फिंगर इलाके, पैंगोंग झील क्षेत्र को खाली कर अपनी पुरानी स्थिति पर पहुंचने की सहमति बन गई है। बता दें कि दूसरे चरण में दोनों देश पैंगोंग इलाके के पास से प्रतिदिन 30 फीसदी सैनिकों को हटाएंगी, तीन दिनों तक यह प्रक्रिया जारी रहेगी।

बता दें कि चीनी सेना फिंगर 8 के पास वापस लौटेगी, तो वहीं भारतीय सेना अपनी धान सिंह थापा पोस्ट पर आएगी जैसा इस साल के आरंभ में था। इस प्रक्रिया के तीसरे स्टेप में दोनों ही सेनाएं पैंगोंग झील इलाके के साउथ क्षेत्र से अपनी सैनिकों को हटाएंगी। साथ ही चुशूल, रेजांग ला की जिन पहाड़ियों पर तनाव के वक्त कब्जा किया गया था, उन्हें खाली किया जाएगा। इस पूरी प्रक्रिया की दोनों ही सेनाएं निगरानी करेंगी, जिसपर सहमति बन चुकी है।

सेना की वापसी की प्रक्रिया के तीसरे स्टेप में दोनों ही सेनाएं पैंगोंग झील इलाके के दक्षिणी इलाके से अपनी सैनिकों को हटाएंगी। साथ ही चुशूल, रेजांग ला की जिन पहाड़ियों पर तनाव के वक्त कब्जा किया गया था, उन्हें खाली किया जाएगा। इस पूरी प्रक्रिया की दोनों ही सेनाएं निगरानी करेंगी, जिसपर सहमति बन चुकी है।

अप्रैल महीने के बाद से ही चीन सीमा पर तनाव की स्थिति बरकरार थी। चीनी सेना ने इस दौरान कई भारतीय पेट्रोलिंग प्वाइंट पर कब्जा किया था, लेकिन समयबद्ध तरीके से भारतीय जवानों ने चीन को जवाब दिया। सुरक्षा से जुड़े मसले पर पीएम मोदी की भरोसेमंद टीम, जिसमें एनएसए अजित डोभाल, CDS बिपिन रावत, सेना प्रमुख मनोज नरवाणे, वायु सेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया शामिल रहे। इनकी अगुवाई में सीमा पर भारतीय जवानों ने कई पहाड़ियों पर कब्जा किया था।


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