भारत और चीन के बीच 13वें दौर की सैन्य स्तर की वार्ता जल्द, जानें क्या होगा इस बैठक का एजेंडा
भारत और चीन के बीच 13वें दौर की सैन्य वार्ता जल्द आयोजित किए जाने की योजना है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि भारतीय पक्ष की ओर से इस वार्ता को लेकर जल्द एक निमंत्रण चीनी सेना को भेजा जा सकता है।
नई दिल्ली, एएनआइ। पिछले साल चीनी आक्रामण के बाद बने गतिरोध वाले स्थानों में से पैंगोंग झील और गोगरा हाइट्स के समाधान के बाद हाट स्पि्रंग्स के समाधान के लिए भारत और चीन के बीच 13वें दौर की सैन्य वार्ता जल्द करने की योजना बनाई गई है। इसके लिए भारत की ओर से जल्द ही चीनी सेना को न्योता भेजा जाएगा। मई 2020 के बने गतिरोध वाले स्थानों में से अधिकांश का भारत और चीन समाधान कर चुके हैं जिनमें पैंगोंग झील, गलवन घाटी और गोगरा हाइट्स शामिल हैं।
चीनी सेना को आमंत्रण
सरकारी सूत्रों ने बताया कि हाट स्प्रिंग क्षेत्र के समाधान पर चर्चा के लिए चीनी सेना को आमंत्रण भेजा जा रहा है। हम इस मामले के जल्द समाधान के प्रति आशान्वित हैं। पिछले साल चीनी आक्रमण के बाद बने गतिरोध वाले स्थानों में यह गतिरोध का आखिरी स्थान है। देपसांग जैसे अन्य गतिरोध वाले स्थान पुराने मामले हैं जो पिछले कई वर्षों से चल रहे हैं।
क्या चाहता है चीन
सूत्रों ने बताया कि लंबित विवादों के समाधान के लिए वार्ता के दौरान चीन नए और पुराने मामलों को अलग रखने पर जोर दे रहा है। लेकिन भारत नए और पुराने दोनों मामलों पर एक साथ वार्ता और समाधान पर फोकस कर रहा है।
इन दिग्गजों के मार्गदर्शन में वार्ता
चीन अध्ययन समूह में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, चीफ आफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और सेनाध्यक्ष जनरल मनोज मुकुंद नरवणे शामिल हैं जो प्रधानमंत्री कार्यालय समेत शीर्ष नेतृत्व के तहत चीन से वार्ता में मार्गदर्शन दे रहे हैं।
ऊंचाई वाले स्थानों पर 50-50 हजार सैनिक तैनात
याद दिला दें पिछले साल पूर्वी लद्दाख में चीन ने कई इलाकों में घुसपैठ की थी, लेकिन भारत ने तेजी से कड़ी कार्रवाई करते हुए उसके मूवमेंट को रोक दिया था। सैनिकों को पीछे हटाने के बावजूद दोनों ओर से ऊंचाई वाले स्थानों पर 50-50 हजार सैनिक तैनात हैं।
फूंक फूंक कर कदम रख रहा भारत
इसकी वजह यह है कि भारतीय सेना को चीनी सेना के इरादों पर कतई भरोसा नहीं है और वह चीनी सेना की हर गतिविधि पर करीब से नजर रख रही है। पिछले दौर की वार्ता के फलस्वरूप गोगरा हाइट्स इलाके से सैनिकों को पीछे हटाया गया था। इससे पहले फरवरी में दोनों देशों ने पैंगोंग झील के किनारों से अपनी सेनाओं को पीछे हटाया था और विवादित इलाकों में गश्त रोक दी थी।