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आजादी के 75 साल पूरे होने पर भारत और ब्रिटेन करेंगे इंडिया-यूके टूगेदर 2022 का आयोजन

2022 में भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने के साथ यूके की ब्रिटिश काउंसिल ने दोनों देशों के कलाकारों को अगले साल इस अवसर को चिह्नित करने के लिए क्रॉस-सांस्कृतिक रचनात्मक सहयोग और अन्य नए कलात्मक कार्यों को सह-विकसित करने के लिए एक खुला आह्वान जारी किया है।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Tue, 12 Oct 2021 07:48 AM (IST)Updated: Tue, 12 Oct 2021 07:48 AM (IST)
आजादी के 75 साल पूरे होने पर भारत और ब्रिटेन करेंगे इंडिया-यूके टूगेदर 2022 का आयोजन
भारत और ब्रिटेन करेंगे इंडिया-यूके टूगेदर 2022 का आयोजन।(फोटो: प्रतीकात्मक)

नई दिल्ली, प्रेट्र। 2022 में भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में ब्रिटेन की ब्रिटिश काउंसिल दोनों देशों का कलात्मक-सांस्कृतिक सहयोग बढ़ाने के लिए प्रोजेक्ट शुरू करेगी। इस प्रोजेक्ट में दोनों देशों के नए कलाकारों को साथ मिलकर कार्य करने और मिली-जुली संस्कृति विकसित करने में मदद मिलेगी। इस प्रोजेक्ट का नाम इंडिया-यूके टूगेदर 2022 होगा। इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य दोनों देशों के संबंधों को मजबूत करना होगा। यह प्रोजेक्ट सभी के लिए होगा। इस पर कुल ढाई करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इसमें दोनों देशों के कलाकार साथ मिलकर दोनों देशों में कार्य करेंगे और कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे। इसमें क्षेत्रीय संस्थाओं का सहयोग भी लिया जाएगा। यह जानकारी काउंसिल की ओर जारी बयान में दी गई है।

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हरित साझेदारी पर कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं भारत-डेनमार्क

डेनमार्क की प्रधान मंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन ने सोमवार को कहा कि भारत और डेनमार्क हरित ट्रांजिशन (संक्रमण) पर कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होंगे और समृद्ध भविष्य के लिए एक दृष्टिकोण साझा करेंगे।नई दिल्ली में आब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ओआरएफ) द्वारा आयोजित द इंडिया-डेनमार्क ग्रीन स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप कार्यक्रम में फ्रेडरिक्सन ने कहा कि जब ग्रीन ट्रांजिशन की बात आती है, तो भारत और डेनमार्क कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होते हैं। उन्होंने कहा कि हम एक हरित, उज्जवल और अधिक समृद्ध भविष्य के लिए दृष्टिकोण साझा करते हैं। दोनों देश एक पंचवर्षीय कार्य योजना पर भी सहमत हुए जो यह बताती है कि हरित रणनीतिक साझेदारी को जमीन पर कैसे लागू किया जाएगा।डेनमार्क ट्रापिकल इलाके के बाहर अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (आइएसए) की पुष्टि करने वाला पहला देश है। हाल तक, भारत स्थित आइएसए में सदस्यता कर्क रेखा और मकर रेखा के बीच स्थित 121 सन-बेल्ट देशों तक सीमित थी। लेकिन अब ट्रापिकल इलाके से परे देशों को इसमें शामिल करने का शुरू हो चुका रहा है। फिलहाल 124 देश इसके सदस्य हैं। गठबंधन का प्राथमिक उद्देश्य जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करने के लिए सौर ऊर्जा की कुशल खपत के लिए काम करना है।फ्रेडरिक्सन तीन दिवसीय भारत यात्रा पर हैं। उन्होंने शनिवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस.जयशंकर से मुलाकात की।


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