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चीन से तनाव के बीच भारत और ऑस्ट्रेलिया नौसेनाओं का संयुक्त अभ्यास शुरू, चार और देशों के साथ हो चुका है अभ्यास

जून से यह भारतीय नौसेना की चौथी अहम सैन्य ड्रिल है। इससे पहले अमेरिका जापान और रूस के साथ ठीक ऐसा ही नौसैनिक अभ्यास पूरा किया जा चुका है। नौसेना प्रवक्ता ने बताया कि इस अभ्यास का मकसद पारस्परिकता को बढ़ाना और एक-दूसरे की बेहतर बातों को सीखना है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Thu, 24 Sep 2020 06:15 AM (IST)Updated: Thu, 24 Sep 2020 06:15 AM (IST)
चीन से तनाव के बीच भारत और ऑस्ट्रेलिया नौसेनाओं का संयुक्त अभ्यास शुरू, चार और देशों के साथ हो चुका है अभ्यास
भारतीय नौसेना का एयरक्राफ्ट, जिससे विमान और हेलीकॉटर उड़ान भरते हैं।

नई दिल्ली, प्रेट्र। वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन के साथ चल रहे तनाव के बीच भारत और ऑस्ट्रेलिया की नौसेनाओं ने बुधवार से हिंद महासागर में दो दिवसीय संयुक्त अभ्यास शुरू किया। अभ्यास के दौरान दोनों सेनाएं जटिल नौसैनिक कौशल, विमान विरोधी ड्रिल और हेलिकॉप्टर अभियानों की पूरी रेंज के साथ उतरी हैं। जून से अब तक यह भारतीय नौसेना की चौथी अहम सैन्य ड्रिल है। इससे पहले अमेरिका, जापान और रूस के साथ ठीक ऐसा ही नौसैनिक अभ्यास पूरा किया जा चुका है।

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नौसेना प्रवक्ता ने बताया कि इस अभ्यास का मकसद पारस्परिकता को बढ़ाना, आपसी समझ विकसित करना और एक-दूसरे की बेहतर बातों को सीखना है। अभ्यास के दौरान नौसैनिक रणनीति, सर्फेस एंड एंटी एयरक्राफ्ट ड्रिल्स और क्रॉस डेक फ्लाइंग ऑपरेशंस शामिल होंगे। प्रवक्ता के मुताबिक, ऑस्ट्रेलियाई नौसेना अपने एयर वारफेयर डेस्ट्रायर एचएमएएस होबार्ट को लीड शिप के तौर पर अभियान में साथ लाई है। जबकि भारत ने अभ्यास में आइएनएस सहयाद्रि और आइएनएस कार्मुक को उतारा है।

ज्ञात हो कि आस्ट्रेलिया से जून में हुए पारस्परिक सहयोग समझौते के बाद से भारतीय नौसेना को कोकोस और कीलिंग आइलैंड तक जाने की छूट मिल गई। इस छूट से नौसेना को हिंद महासागर क्षेत्र में प्रवेश करने वाले चीन के युद्धपोतों, पनडुब्बियों और विमानों की निगरानी करने में सहूलियत हो गई है।

पिछले दिनों हुए रूस के साथ नौसैनिक अभ्यास का नाम इंद्र रखा गया था। इसमें सतह और हवा में मौजूद लक्ष्यों को मार गिराने जैसे अभ्यास किए गए थे। इसमें एडमिरल त्रिबुत्स, रूसी युद्धपोत एडमिरल विनोग्रादोव और बोरिस बुतोमा के अलावा हेलीकॉप्टरों का बेड़ा भी लिया था। भारतीय नौसेना अपने युद्धपोत रणविजय, सह्याद्रि, किल्टान, शक्ति और हेलीकॉप्टरों के साथ इस युद्धाभ्यास में भाग लिया था। 


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