Move to Jagran APP

भारत व आस्ट्रेलिया ने दिए अफगानिस्तान में तालिबान सरकार को मान्यता नहीं देने के स्पष्ट संकेत

भारत और आस्ट्रेलिया ने टू प्लस टू वार्ता में अफगानिस्तान में स्थायी शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए वहां पर व्यापक एवं समावेशी सरकार के गठन का आह्वान किया है। दोनों देशों ने दिए तालिबान सरकार को मान्यता नहीं देने के स्पष्ट संकेत

By TaniskEdited By: Published: Sun, 12 Sep 2021 08:10 PM (IST)Updated: Sun, 12 Sep 2021 08:10 PM (IST)
भारत व आस्ट्रेलिया ने दिए अफगानिस्तान में तालिबान सरकार को मान्यता नहीं देने के स्पष्ट संकेत
भारत और आस्ट्रेलिया के बीच हुई 'टू प्लस टू' वार्ता ।

नई दिल्ली, प्रेट्र। भारत और आस्ट्रेलिया ने अफगानिस्तान में स्थायी शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए वहां पर 'व्यापक एवं समावेशी' सरकार के गठन का आह्वान किया है। इसके साथ ही दोनों देशों ने तालिबान शासन को मान्यता देने के बारे में अपनी अनिच्छा का स्पष्ट संकेत दिया है।

loksabha election banner

भारत-आस्ट्रेलिया के बीच पहली मंत्रीस्तरीय 'टू-प्लस-टू' वार्ता के बाद रविवार को जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया कि दोनों पक्ष चाहते हैं कि अफगानिस्तान में महिलाओं और बच्चों के अधिकारों की रक्षा हो, सार्वजनिक जीवन में उनका पूरा योगदान रहे। इसमें महिलाओं के अधिकारों के हिमायती लोगों को निशाना बनाकर की जा रही हिंसा पर भी चिंता जताई गई।

दोनों देशों ने सभी देशों के लिए ' तत्काल, निरंतर, सत्यापन योग्य और अपरिवर्तनीय' कार्रवाई करने की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित किया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उनके नियंत्रण में किसी भी क्षेत्र का इस्तेमाल आतंकवादी हमलों के लिए नहीं किया जाए और इस तरह के हमलों के अपराधियों को शीघ्रता से न्याय के कठघरे में लाया जाए।

अफगानिस्तान की स्थिति के बारे में मंत्रियों ने गहरी चिंता व्यक्त की

संयुक्त बयान में कहा गया है कि आस्ट्रेलिया ने 26/11 के मुंबई हमले, पठानकोट और पुलवामा हमलों सहित भारत में आतंकवादी हमलों की निंदा की और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में नई दिल्ली के लिए अपना समर्थन दोहराया। बयान में अफगानिस्तान की स्थिति के बारे में मंत्रियों ने गहरी चिंता व्यक्त की है। इसमें बताया गया, 'मंत्रियों ने तालिबान से विदेशी नागरिकों और देश छोड़ने के इच्छुक अफगानों के लिए सुरक्षित मार्ग की गारंटी देने का आह्वान किया। उन्होंने अफगानिस्तान में सत्ता और आधिकारिक पदों पर काबिज लोगों के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 2593 के अनुसार आतंकवाद विरोधी प्रतिबद्धताओं और मानवाधिकारों का पालन करने की मांग दोहराई।'

यह भी पढ़ें: पीएम मोदी की ऐक्ट ईस्ट नीति से चित हुआ चीन, टू प्‍लस टू संवाद से आस्‍ट्रेलिया के साथ संबंधों में आई मिठास


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.