आसियान देशों से भारत सीखेगा आतंकवाद की जड़ काटने के गुर
इंडोनेशिया एक समय इस्लामिक आतंकवाद का केंद्र बनने की कगार पर था। अलकायदा ने वहां पैर जमाने शुरू कर दिये थे। लेकिन वहां की सरकार ने दो तरह से कट्टरवाद पर हमला किया।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। आसियान देशों के साथ रणनीतिक रिश्तों को नई ऊंचाई देने में जुटा भारत उनसे कई मोर्चे पर बहुत कुछ सीखने में भी जुटा है। खासतौर पर जिस तरह से आसियान के कुछ देशों ने आतंकवाद पर लगाम लगाने में सफलता हासिल की है उस अनुभव से भारत भी फायदा उठाना चाहता है। पीएम नरेंद्र मोदी की आसियान रजत जयंती शिखर बैठक के दौरान इंडोनेशिया और मलयेशिया के प्रमुखों के साथ हुई द्विपक्षीय बैठक में इस मुद्दे पर खास तौर पर बात हुई है।
विदेश मंत्रालय में सचिव (पूर्व) प्रीति सरन ने बताया है कि मलयेशिया, इंडोनेशिया और ब्रुनेई ने समाज में बढ़ रहे कट्टरपन को दूर करने के लिए कई कदम उठाये हैं। ये देश अपने अनुभव भारत से साझा करने को तैयार हैं। भारत खासतौर पर इन देशों से यह सीखने की कोशिश करेगा कि कट्टरपन पर लगाम लगाने के लिए कानूनी तौर पर क्या कदम उठाये गये हैं।
इंडोनेशिया एक समय इस्लामिक आतंकवाद का केंद्र बनने की कगार पर था। अलकायदा ने वहां पैर जमाने शुरू कर दिये थे। बाली में कई बार आतंकी हमला भी हुआ था। लेकिन वहां की सरकार ने दो तरह से कट्टरवाद पर हमला किया। एक तरह कट्टरपन से प्रभावित होने वाले युवकों को रोकने के लिए विशेष स्कीम चलाई, जबकि दूसरी तरफ आतंकियों की गतिविधियों को लेकर बेहद सख्त रुख अख्तियार किया।
इसी तरह से मलयेशिया ने भी एक सख्त कानून बना कर वहां इस्लामिक धार्मिक नेताओं के भाषणों आदि की निगरानी शुरू की। इससे आतंकवादी संगठनों को जड़ जमाना मुश्किल हो गया है। मलयेशिया के पीएम नाजिक राजिक के साथ मोदी की शुक्रवार को हुई द्विपक्षीय बैठक में इस बारे में विस्तार से बात हुई। मलयेशिया ने भारत की तरफ से पाम आयल पर लगाये जाने वाले बहुत ज्यादा आयात शुल्क पर विचार करने की मांग की है।
मोदी और राजिक के बीच सैन्य क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर भी बात हुई है। इसी तरह से ब्रुनेई के सुल्तान ने भी भारत से सैन्य क्षेत्र मे सहयोग का प्रस्ताव किया है। खासतौर पर ब्रुनेई समुद्री तटों की निगरानी के लिए भारत की मदद चाहता है। सनद रहे कि पीएम मोदी ने बुधवार और गुरुवार को आसियान के सात देशों के नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठक किया था। आसियान के दस देशों के प्रमुख आसियान भारत रजत जयंत शिखर बैठक में हिस्सा लेने आये हुए हैं।