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भारत ने इंटरमीडिएट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि -3 का किया सफल प्रशिक्षण

Intermediate Range Ballistic Missile भारत ने 23 नवंबर 2022 को एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से अग्नि -3 मिसाइल लॉन्च की। सफल परीक्षण सामरिक बल कमांड के तत्वावधान में किए गए नियमित उपयोगकर्ता प्रशिक्षण लॉन्च का प्रमुख हिस्सा था।

By AgencyEdited By: Shashank MishraPublished: Wed, 23 Nov 2022 09:07 PM (IST)Updated: Wed, 23 Nov 2022 09:07 PM (IST)
भारत ने इंटरमीडिएट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि -3 का किया सफल प्रशिक्षण
भारत ने 23 नवंबर, 2022 को एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से अग्नि -3 मिसाइल लॉन्च की।

जागरण संवाददाता, बालेश्वर। भारत ने आज अग्नि 3 मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया किया है। एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से मध्यम रेंज वाली बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि 3 का बुधवार को रात 7:30 पर सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया। यह सफल परीक्षण सामरिक बल कमांड के तत्वावधान में किए गए नियमित उपयोगकर्ता प्रशिक्षण लंच के अंतर्गत किया गया | जानकारी के अनुसार लांच एक पूर्व निर्धारित सीमा के लिए किया गया था और सिस्टम के सभी परिचालन माप दंडों को मान्य किया गया था।

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अग्नि 3 मिसाइल परमाणु क्षमता युक्त स्वदेशी मिसाइल है। यह मिसाइल 3500 किलोमीटर दूरी तक प्रहार करने की ताकत रखती है। इसकी जद में पूरा पाकिस्तान और आधा चीन आता है। इस मिसाइल की लंबाई 17 मीटर और चौड़ाई 2 मीटर है। यह 1 सेकंड में 5 किलोमीटर की दूरी तय करने की ताकत रखती है। 50 टन वजन वाली यह मिसाइल 2 चरणों वाला इंजन से लैस है जो ठोस ईंधन से चलता है। यह मिसाइल अपने साथ 1.5 टन विस्फोटक ले जाने की ताकत रखता है।

आज रात 7:30 पर इस मिसाइल को अब्दुल कलाम द्वीप से हवा में उड़ाया गया। यहां उल्लेखनीय है कि भारत अपने सभी अग्नि सीरीज की मिसाइलों का रात्रि कालीन परीक्षण करने में लगा है। सुबह हो या शाम दिन हो या रात यह मिसाइल अपने निशाने को सटीकता के साथ ध्वस्त करने में कामयाब हो रही हैं। आज इसके परीक्षण के मौके पर डीआरडीओ तथा आईटीआर से जुड़े वरिष्ठ वैज्ञानिकों और अधिकारियों का दल मौके पर मौजूद था |

मिसाइलों की अग्नि श्रृंखला में अब अग्नि-1 (700 किमी), अग्नि-2 (2,000 किमी), अग्नि-3 (3,000 किमी), अग्नि-4 (4,000 किमी) और 5,000 किमी की सबसे लंबी मारक क्षमता वाली अग्नि-5 शामिल है। डीआरडीओ के सूत्रों ने कहा कि 700 किलोमीटर की मारक क्षमता वाली अग्नि-1 का इस्तेमाल कम से कम 220 किलोमीटर के लक्ष्य को भेदने के लिए किया जा सकता है, जो पृथ्वी श्रृंखला की मिसाइलों द्वारा कवर की गई रेंज को कवर करने में मदद करेगी, जो 150 किमी से 350 किमी के बीच लक्ष्य को भेद सकती हैं। डर यह था कि कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल को उड़ता देख दुश्मन घबरा जाए और जवाबी कार्रवाई में परमाणु हमला कर दे।

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अग्नि और सामरिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस के साथ, भारत आसानी से 30 से 5,000 किलोमीटर के बीच लक्ष्य को निशाना बना सकता है। ब्रह्मोस 30 से 300 किमी के लक्ष्य को मार गिरा सकती है, जबकि अग्नि उससे आगे की दूरी का ध्यान रख सकती है।

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